प्रदेश सरकार और बीएमजीएफ के बीच मसौदा पांच वर्ष बढ़ा



  • उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की मौजूदगी में प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा बीएमजीएफ के कन्ट्री हेड ने किए हस्ताक्षर
  • स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में बीएमजीएफ के कार्यों को सराहा  

लखनऊ - प्रदेश सरकार और बिल एण्ड मिलिण्डा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) के बीच मौजूदा मेमोरेण्डम ऑफ कोआपरेशन (एमओसी) अगले पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह की मौजूदगी में प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा तथा बीएमजीएफ की ओर से हरि मेनन, निदेशक, इण्डिया कन्ट्री हेड ने एमओसी पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर सचिव रंजन कुमार एवं मिशन निदेशक, एनएचएम पिंकी जोवेल, डीजी हेल्थ डॉ० बृजेश राठौर व डीजी परिवार कल्याण डॉ० नरेंद्र अग्रवाल, बीएमजीएफ के निदेशक डॉ० रजनी वेद, डॉ० देवेन्द्र खंडैत, गुंजन तनेजा व उ०प्र० तकनीकी सहयोग इकाई के वरिष्ठ परियोजना निदेशक, जॉन एन्थनी मौजूद रहे।

एनेक्सी सचिवालय सभागार में हुए इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री एवं चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ब्रजेश पाठक ने बीते 12 साल से बीएमजीएफ़ के सहयोग से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए सुधार का उल्लेख किया। इसमें 65 मेडिकल कालेजों की स्थापना एवं एमएमआर व एनएमआर की दरों मेँ अत्यधिक कमी, पोषण मेँ सुधार, सप्लाई चेन मेँ महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के सापेक्ष शत-प्रतिशत उपलब्धियां व पर्याप्त संख्या मेँ वेयर हाऊस का निर्माण शामिल है। उन्होंने आशा के माध्यम से उपचार की व्यवस्था का मैकेनिज़्म तैयार करने का सुझाव दिया जिससे मरीजों को उनके गाँव मेँ ही इलाज मिल सके तथा रेफरल की पद्धति मेँ जिला अस्पताल स्तर पर दायित्व निर्धारित किया जा सके।

स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने विश्वास जताया कि एमओसी के विस्तार से अगले पांच वर्षों में प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार होगा और उत्तर प्रदेश, देश में कीर्तिमान स्थापित करेगा। प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बीएमजीएफ़ के सहयोग से प्राप्त लगभग सभी उपलब्धियों का आंकड़ों सहित विवरण देते हुए इस बात पर संस्था की प्रशंसा की कि यह संस्था अपना एजेंडा तय न करके हमारे एजेंडे एवं प्राथमिकताओं को अंगीकृत करती है और तदनुसार अपनी सेवाओं को सुवयस्थित करती है।

गौरतलब है कि बीएमजीएफ वर्ष 2012 से उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर मातृ, नवजात और बाल स्वास्थ्य; परिवार नियोजन, टीके द्वारा रोकथाम की जाने वाली बीमारियों, संचारी रोग- टीबी, काला अजार, लिम्फैटिक फाइलेरिया और दिमागी बुखार (एईएस), स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से स्वास्थ्य और पोषण आधारित गतिविधियों का एकीकरण एवं आजीविका के अवसरों के लिए महिलाओं को सक्षम बनाने तथा जन-स्वास्थ्य को गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने, मरीज़ों की समुचित देखभाल और उनकी वित्तीय सुरक्षा को बेहतर बनाने जैसे मुद्दों पर काम कर रहा है।

बीएमजीएफ के सहयोग से स्वास्थ्य में आए सुधार :

  • 2016 से 2019 के बीच मातृ मृत्यु-दर प्रति एक लाख प्रसव पर 216 से घटकर 167 हुई और 2016 से 2020 के बीच प्रति एक हजार जन्म पर यूएमआर में 47 से 41 की गिरावट आई
  • 2016 से 2019-20 के बीच आधुनिक गर्भनिरोधक प्रसार-दर (एमसीपीआर) में (31.70% से बढ़कर 44.5%) सुधार हुआ
  • 2019 से 2024 के बीच सीएचसी में एनबीएसयू 53 से बढ़कर 275 हुई, सी-सेक्शन का संचालन करने वाले एफआरयू 135 से बढ़कर 322 हो गए और सक्रिय एफआरयू-सीएचसी 66 से बढ़कर 234 हुए
  • सभी 75 जिलों में यूपीएमएससी द्वारा जिला स्तर के गोदामों की स्थापना से आवश्यक दवाओं की उपलब्धता 2019 में 40% से बढ़कर वर्तमान में 90% से अधिक हो गई
  • राज्य में 22,473 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का संचालन शुरू
  • 2019-24 के बीच, दिमागी बुखार (एईएस) के कारण होने वाली मौतें 126 से घटकर शून्य हो गई, जापानी इंसेफेलाइटिस के कारण होने वाली मौतें 21 से घटकर शून्य हो गईं और लिम्फैटिक फाईलेरिया उन्मूलन के खिलाफ एमडीए का कवरेज 27% से बढ़कर 74% हुआ
  • काला अजार के मामलों में 88% की कमी, 2018 में 120 मामलों से 2024 में अब सिर्फ एक केस बचा  
  • स्वास्थ्य प्रणाली का डिजिटलीकरण – जैसे- यूपीएचएमआईएस, मानव संपदा, ई-कवच, एफएएमएस, इंटीग्रेटेड कोविड-पोर्टल, यूपीकेएसके, डीवीडीएमएस, होप, ई-सुश्रुत, बीसीपीएम-एमआईएस, यूडीएसपी, डी2सी ऐप का संचालन
  • 43 जिलों में 403 ब्लॉकों को कवर करते हुए 204 स्वयं सहायता समूहों के नेतृत्व वाली टेक-होम-राशन (टीएचआर) इकाइयां स्थापित हुईं
  • एसआरएलएम ने तीन वर्षों की अवधि में 28.92 लखपति दीदी का लक्ष्य प्राप्त किया
  • पीएमजेएवाई योजना के तहत राज्य भर में कुल 5,506 अस्पताल सूचीबद्ध