इटौंजा सीएचसी में वितरित की गई एमएमडीपी किट



  • क्षेत्र के 86 फ़ाइलेरिया रोगियों को मिली एमएमडीपी किट

लखनऊ - राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत इटौंजा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान और स्वयंसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च(सीफॉर) के सहयोग से फाइलेरिया  मरीजों का रुग्णता प्रबंधन एवं दिव्यांगता प्रबंधन (एमएमडीपी) पर अभिमुखीकरण किया गया । इस मौके पर 86  फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट भी प्रदान की गयी।

सीएचसी अधीक्षक डा. जेपी सिंह ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी का केवल प्रबंधन ही किया जा सकता है, इसका कोई इलाज नहीं है । फ़ाइलेरिया प्रभावित अंगों में किसी तरह का संक्रमण न हो इसलिए एमएमडीपी  किट का प्रयोग करते हुए नियमित साफ सफाई करनी चाहिए।  इसके साथ ही नियमित रूप से व्यायाम करने से फाइलेरिया प्रभावित अंगों में सूजन नहीं बढ़ती है।

डा. सिंह ने उपस्थित लोगों से कहा कि इस बीमारी से बचने का  उपाय है साल में एक बार फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करना और मच्छरों से बचना। जनपद में अभियान चलाकर साल में एक बार फ़ाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जाती  है। जब भी अभियान चले तो फ़ाइलेरिया रोधी दवा जरूर खाएं। मच्छरों से बचाव के लिए घर व आस-पास पानी नहीं इकठ्ठा होने दें। घरों में खाली बर्तनों, गमलों की प्लेटों, पुराने टायर, आदि में पानी इकट्ठा न होने दें | कूलर को हर सप्ताह साफ करें। उसका पानी निकालकर रगड़कर पोंछें | पूरी बांह के कपड़े पहने। मच्छरदानी में सोयें।  कहीं पानी इकट्ठा है तो जले हुए मोबिल आयल की कुछ बूंदें डाल दें।

स्वयंसेवी संस्था सीफ़ॉर के प्रतिनिधि सर्वेश पाण्डेय ने फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल के बारे में बताया कि कभी भी अंगों में रगड़ते हुए साबुन का उपयोग नहीं करना चाहिए | नियमित रूप से फाइलेरिया प्रभावित अंगों की सफाई करनी चाहिए। हल्के हाथों से तौलिए से पोंछना चाहिए। यदि कहीं कटा हुया है तो अच्छे से सुखाकर उस पर एंटी सेप्टिक क्रीम लगानी चाहिए। इसके आलावा फाइलेरिया प्रभावित अंगों के व्यायाम के तरीके बताए।

इस मौके पर ग्राम पंचायत बसेना निवासी 65 वर्षीय फाइलेरिया मरीज  शांति देवी ने बताया कि जब से समूह से जुड़े हैं तब से हमें  बीमारी के प्रति संवेदनशील बना दिया गया है तथा आज हम बीमारी के लिए स्वयं सजग हैं तथा लोगों को भी सजग रखने का कार्य करते हैं । यह बीमारी ठीक नहीं होती है । अभी तक हमें दो बार इस  किट का लाभ मिल चुका है और इसका उपयोग हम स्वयं के लिए करते हैं। घर के काम में इसका उपयोग नहीं करते हैं। हम लोगों को भी प्रेरित करते हैं कि बीमारी को होने ही ना दें। इसके लिए सरकार साल में एक बार फ़ाइलेरियारोधी दवा सेवन अभियान चलाती है उस अभियान में दवा का सेवन आशा बहू के सामने करें।

इस अवसर पर  वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक बी.के.गौतम, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी रवि मिश्रा, बीसीपीएम अजीत कुमार यादव, आशा संगिनी आशा, कार्यकर्ता और 86 फाइलेरिया मरीज मौजूद रहे थे।