फाइलेरिया उन्मूलन अभियान शुरू, यूपी में 6.69 लाख लोग खाएंगे दवा



  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व आयुष मंत्रालय के राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने वर्चुअल माध्यम से किया लांच
  • प्रदेश के स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह रहे मौजूद, पंचायती राज विभाग ने 27 जिलों के प्रधानों को किया संवेदित  

लखनऊ - स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व आयुष मंत्रालय के राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने शनिवार को वर्चुअल माध्यम से फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का शुभारंभ किया। इस मौके पर उपस्थित यूपी के स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने बताया कि प्रदेश के 27 जनपदों में चलने वाले इस अभियान में 6.69 लाख लोगों को दवा खिलाई जाएगी। सोमवार से आशा घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाएंगी। लांचिंग में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक डॉ पिंकी जोवेल, दोनों स्वास्थ्य महानिदेशक समेत प्रदेश के सभी 27 जिलों के जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी जुड़े थे। जिलों में जनप्रतिनिधियों ने दवा खाकर बूथ का उद्घाटन किया और पात्र लाभार्थियों को दवा का सेवन कराया।

लखनऊ में पंचायती राज विभाग के निदेशक अटल कुमार राज ने सभी 27 जिलों के 3600 प्रधानों के साथ वर्चुअल बैठक की। आह्वान किया कि अगर आप लोग अपने गांव में साफ-सफाई का माहौल रख सके व जलजमाव न होने दें तो फाइलेरिया को वर्ष 2027 से पहले खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जलजमाव व गंदगी से मच्छर पनपते हैं जिससे फाइलेरिया समेत कई अन्य मच्छर जनित बीमारियां पनपती हैं। बैठक में संयुक्त निदेशक आरएस चौधरी ने कहा कि माइक्रो फाइलेरिया हममे से बहुत लोगों के शरीर में मौजूद है लेकिन हमें पता नहीं है। इसलिए हमें दवा खानी है क्योंकि हमें पता नहीं है कि किसके शरीर में माइक्रो फाइलेरिया मौजूद है और किसके शरीर में नहीं।  

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा, "मच्छरों के काटने से बचने और फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करने जैसे निवारक उपाय लिम्फैटिक फाइलेरियासिस के संचरण को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो भारत में 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की आबादी को प्रभावित करता है। यह बीमारी न केवल स्वास्थ्य और कल्याण को प्रभावित करती है, बल्कि लिम्फेडेमा के कारण आजीवन विकलांगता का कारण भी बनती है जो परिवारों को गहराई से प्रभावित करती है। आगामी सर्वजन दवा सेवन दौर में सफलता सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है कि 90 प्रतिशत योग्य आबादी इन दवाओं का सेवन करें। यह अभियान उत्तर प्रदेश समेत छह राज्यों के 63 जिलों में चलाया जा रहा है।

नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल की निदेशक डॉ. तनु जैन ने 2023 में 82.5% कवरेज के लिए किए गए प्रयासों को सराहा। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह पूरा अभियान कुशल नेतृत्व के मार्गदर्शन और प्रेरणा के बिना संभव नहीं हो सकता था, जिसने सभी अधिकारियों को कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस बार 90 फीसदी आबादी को दवाई खिलाने का आश्वासन केंद्रीय मंत्री को दिया।