उत्तर प्रदेश में स्थित 247 पर्यटन स्थलों पर एक वर्ष तक पर्यटकों का सर्वे कराया जायेगा-जयवीर सिंह



  • विदेशी पर्यटकों के मामले में उत्तर प्रदेश को देश में प्रथम स्थान पर लाने के लिए 200 से अधिक सर्वेयर्स को प्रशिक्षण दिया गया

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर भ्रमण के लिए आने वाले पर्यटकों की गणना करने एवं उनके अनुभव को साझा करने के लिए प्रदेश के 247 स्थलों पर आने वाले पर्यटकों का एक वर्ष तक सर्वे कराया जाएगा। यह स्थल प्रत्येक जिले में स्थित हैं, जहां एक सितंबर 2024 से 31 अगस्त 2025 तक सर्वे होगा। इसके लिए पर्यवेक्षक लगाये जायेंगे। इन पर्यवेक्षकों को सर्वेक्षण से संबंधित विभिन्न बारीकियों की जानकारी देने के लिए बुधवार को लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 200 से अधिक सर्वेयर्स को प्रशिक्षित किया गया।

यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के अलावा इन सर्वेयर्स को चारबाग रेलवे स्टेशन और बीकेटी स्थित चंद्रिका देवी मंदिर का स्थलीय निरीक्षण भी कराया गया। उन्होंने बताया कि उ0प्र0 पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से विकास करने वाला राज्य है। घरेलू पर्यटन के मामले में यूपी देश में अव्वल है। विदेश से आने वाले पर्यटकों के मामले में भी यह उपलब्धि हासिल करने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। पर्यटन स्थल और पर्यटक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विदेशी पर्यटकों के मामले में भी देश में पहला स्थान प्राप्त करने के लिए पर्यटन स्थलों को नये सिरे से सजाया और संवारा जा रहा है। जयवीर सिंह ने बताया कि सरकार पर्यटकों को और अच्छी सुविधाएं दे सके, इसके लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन, पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार, नियोजन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में प्रत्येक जिले का सर्वे कराया जा रहा है। इसके लिए आल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ लोकल सेल्फ गर्वन्मेंट (एआईआईएलएसजी) को कार्यदायी संस्था चुना गया है। सर्वे के द्वितीय चरण हेतु प्रदेश में 247 पर्यटन स्थलों को चिह्नित किया गया है। द्वितीय चरण के सर्वे हेतु एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। एआईआईएलएसजी के टेक्निकल डायरेक्टर पश्चिम तिवारी ने सर्वेयर्स को सर्वे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा की सर्वे के जो नियम बनाए गए है उसका हर हाल में पालन करें। अन्य विशेषज्ञों ने भी सरवेयर्स का मार्गदर्शन किया।

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम के नेतृत्व में सर्वे का प्रथम चरण जून माह में पूरा कराया गया। पर्यटन स्थलों के साथ ही रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, हवाई अड्डे एवं अन्तर्राष्ट्रीय एवं अन्तर्राज्यीय सीमाओं पर स्थित मार्ग के प्रवेश-निकास स्थल, होटल्स, रेस्टोरेन्ट, धर्मशाला, लॉज, गेस्ट हाउस, होम-स्टे, पेईंग गेस्ट एवं ढाबे इत्यादि, विश्राम स्थलों में आने वाले पर्यटकों की गणना की गई है। निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्रा ने बताया कि सर्वे का दो मुख्य उद्देश्य है। पहला कि पर्यटकों की गणना करना, दूसरा उद्देश्य है कि वह कितना खर्च कर रहा है। ताकि हमें पता चल सके कि पर्यटन क्षेत्र से कितने लोगों को रोजगार मिल रहा है और संभावनाएं क्या है। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े बहुत महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण अति महत्वपूर्ण कार्य है इसलिए पूरी संवेदनशीलता के साथ इसे किया जाना है। प्रशिक्षण के दौरान पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार के असिस्टेंट डायरेक्टर अमित कुमार, विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया, उपनिदेशक पूजा अग्निहोत्री, नियोजन विभाग के उपनिदेशक नवीन चतुर्वेदी समेत अन्य अधिकारी गण मौजूद रहे।