सीफॉर के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग की स्वास्थ्य संचार सुदृढ़ीकरण कार्यशाला आयोजित



  • अमेठी की स्वास्थ्य सेवाओं में हो रहा निरंतर सुधार : सीएमओ
  • 20 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में तब्दील
  • आयुष्मान भारत के 1.10 लाख लोगों के बनाए गए गोल्डन कार्ड
  • जिले में 17 फरवरी से चलेगा फाईलेरिया उन्मूलन अभियान

गौरीगंज, 13 फरवरी-2020 -अमेठी की जनता को घर के नजदीक ही स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया कराने के उद्देश्य से निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं । इसी उद्देश्य से स्वास्थ्य उप केन्द्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में तब्दील किया जा रहा है ताकि लोगों को इलाज के लिए अपना कीमती समय और धन न खर्च करना पड़े । जिले  के 30 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में से 20 को अब तक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में तब्दील किया जा चुका है । इसके आलावा हर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर हर रविवार को मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला आयोजित किया जा रहा है, जहाँ पर जाँच के साथ ही इलाज व रेफरल की व्यवस्था की गयी है । यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर. एम. श्रीवास्तव ने वृहस्पतिवार को यहाँ बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की सहयोगी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के सहयोग से आयोजित स्वास्थ्य संचार सुदृढ़ीकरण कार्यशाला के दौरान कही ।

सीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत योजना) के तहत कमजोर वर्ग के लोगों को पांच लाख रूपये तक का मुफ्त इलाज मुहैया कराया जा रहा है | इसके तहत जिले में अब तक करीब 1.10 लाख लोगों के गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं | इसके साथ ही आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को इस योजना के बारे में जागरूक भी कर रही है ताकि इस योजना से जो लोग वंचित हों उनका भी इसके तहत सत्यापन हो सके | अस्पतालों में भी योजना के लाभार्थियों को विशेष सुविधाएं मुहैया कराने के लिए निर्देशित किया गया है | उनकी मदद के लिए सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर आरोग्य मित्र नियुक्त किये गए हैं |

इस अवसर पर परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.आर.के सक्सेना ने मातृ स्वास्थ्य को लेकर जिले में चलाये जा रहे कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया | उन्होने कहा – स्वास्थ्य विभाग का पूरा प्रयास है कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिले ताकि मां व बच्चे की जान सुरक्षित रहे | इसके लिए जननी सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को 1400 रूपये और शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रूपये अस्पताल में प्रसव कराने पर प्रदान किये जाते हैं | इसके अलावा पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 5,000 रूपये तीन किश्तों में प्रदान किये जाते हैं |

कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा.सी.एस.अग्रवाल ने कहा- स्वास्थ्य विभाग का नारा है कि “5 साल, -सात बार- 11 बीमारियों पर वार, यही है राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम का सार |” उन्होंने कहा बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निःशुल्क टीके लगाये जाते हैं | उन्होंने बताया - बच्चों में होने वाली आम बीमारी निमोनिया से बचने के लिए जिले में जल्द ही न्यूमोकॉकल वैक्सीन की सुविधा मिलने लगेगी |

इस मौके पर राष्ट्रीय वेक्टर बार्न डिजीज के नोडल अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राम प्रसाद ने बताया – लोगों को संक्रामक बीमारियों जैसे मलेरिया, फाईलेरिया, डेंगू, जापानी इन्सेफिलाइटिस आदि से बचाने के लिए समय-समय पर अभियान चलाये जाते हैं | इस क्रम में 17 फरवरी से जिले में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान शुरू किया जायेगा जो कि 29 फरवरी तक चलेगा | इसके तहत करीब 18.55 लाख लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है | यह दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं व गंभीर रूप से बीमार लोगों को छोड़कर सभी को खिलाई जायेगी | इस दवा को टीम के सदस्य अपने सामने ही खिलाएंगे | उन्होंने बताया फाइलेरिया की दवा साल में एक बार खिलाई जाती है और जो व्यक्ति 5 साल तक इस दवा का सेवन कर लेता है वह कभी फाइलेरिया की चपेट में नहीं आ सकता है |

इस अवसर प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.आर.पी.गिरी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को लेकर कई अन्य योजनायें भी चलाई जा रही हैं जिसके तहत गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच और संस्थागत प्रसव के लिए मुफ्त एम्बुलेंस की सेवा एवं उनके खान-पान की व्यवस्था की जाती है |

कार्यशाला में जिला कार्यक्रम प्रबंधक बसंत राय के अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के प्रतिनिधि और मीडिया कर्मी उपस्थित रहे |