स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ व गुणवत्तापूर्ण बनाने को आगे आए निजी अस्पताल



  • स्वास्थ्य विभाग व द चैलेंज इनिशिएटिव-पीएसआई इंडिया के सहयोग से बैठक आयोजित
  • निजी अस्पतालों की प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने लिया भाग

मेरठ । जनपद में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के संयुक्त प्रयास से शहरी क्षेत्र में परिवार कल्याण कार्यक्रमों के साथ ही टीकाकरण व मातृ स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ व गुणवत्तापूर्ण बनाने के उद्देश्य से मंगलवार की देर शाम स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में द चैलेंज इनिशिएटिव (टीसीआई) व पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया (पीएसआई इंडिया) के सहयोग से स्थानीय एक निजी होटल में बैठक हुई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक कटारिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में शहरी क्षेत्र में परिवार कल्याण कार्यक्रमों व अन्य स्वास्थ्य सेवाओं में निजी अस्पतालों और निजी चिकित्सकों की अहम भूमिका पर विस्तार से चर्चा हुई।

बैठक में जनपद के 29 निजी अस्पतालों से 19 प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ और 10 अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने भाग लिया। बैठक में प्रसूति एवं स्त्री रोग सोसायटी (फेडरेशन ऑफ़ ऑब्सटेट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया) मेरठ की संरक्षक पदमश्री डॉ. उषा शर्मा, सोसाइटी की जिला अध्यक्ष डॉ. भारती माहेश्वरी, सचिव डॉ. प्रियंका गर्ग, एसीएमओ (आरसीएच) डॉ. कांति प्रसाद और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम) के नोडल अधिकारी डॉ. आरके सिरोहा भी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में यह एक सराहनीय पहल है। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन (बास्केट ऑफ़ च्वाइस) से सम्बन्धित आईईसी सामग्री (पोस्टर-बैनर) को निजी चिकित्सालयों में निर्धारित स्तर पर प्रदर्शित किया जाए और काउंसिलिंग के दौरान उनका इस्तेमाल किया जाए। परिवार कल्याण सेवाओं को हेल्थ मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) पोर्टल पर हर महीने निश्चित रूप से अपलोड कराना सुनिश्चित किया जाए। पीएसआई इंडिया की कार्यक्रम प्रबन्धक कोमल ने प्रसव पश्चात परिवार नियोजन सेवाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि निजी अस्पतालों के उच्च प्रभावी हस्तक्षेप, प्रसवोत्तर परिवार नियोजन सेवाओं से जोड़ने, क्षमता निर्माण और आंकड़ों के संग्रह पर जोर दिया जाए ताकि योजनाओं के निर्माण में उनका सही इस्तेमाल किया जा सके। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (एनएफएचएस) चार और पांच के आंकड़ों पर तुलनात्मक चर्चा भी हुई।

इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डॉ. कांति प्रसाद ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सही मायने में धरातल पर उतारने में निजी अस्पतालों की भागीदारी बहुत जरूरी है। सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के संयुक्त प्रयास से शहरी क्षेत्र में परिवार कल्याण कार्यक्रम के साथ ही महिला एवं बाल स्वास्थ्य और टीकाकरण की सुविधाओं को भी और सुदृढ़ बनाया जा सकता है। डॉ. भारती माहेश्वरी ने परिवार नियोजन सेवाओं पर विचार साझा करते हुए निजी सेवा प्रदाताओं से कहा कि वह स्वास्थ्य विभाग की अपेक्षाओं पर शत-प्रतिशत खरा उतरने की कोशिश करें ताकि जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं को समुदाय तक आसानी से पहुँचाया जा सके। डॉ. उषा शर्मा ने शहरी परिवार कल्याण कार्यक्रम को और सुदृढ़ व सुगम बनाने की दिशा में पीएसआई-इंडिया द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
 
बैठक में डॉ. प्रियंका गर्ग ने प्रतिभागियों को स्वास्थ्य सेवाओं के संकेतकों, नियमित टीकाकरण, परिवार नियोजन सेवाओं विशेष रूप से प्रसवोत्तर और गर्भपात के बाद, मातृ स्वास्थ्य, प्रसव पूर्व जांच, एमटीपी  आदि की नियमित रिपोर्टिंग की सलाह दी। निजी सेवा प्रदाता एचएमआईएस पोर्टल पर रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के साथ ही आंकड़ों को सीएमओ कार्यालय से साझा करने से पहले उसकी समीक्षा जरूर कर लें। एचएमआईएस से मनीष ने संस्थागत प्रसव, नियमित टीकाकरण, पेंटा और एमआर की समग्र एचएमआईएस की रिपोर्टिंग स्थिति को साझा किया। डिवीजनल कार्यक्रम प्रबन्धक सिफ्प्सा अरविन्द गोस्वामी ने मेरठ डिवीजन की निजी क्षेत्र की रिपोर्टिंग की स्थिति और उपलब्धि को साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि मेरठ जिला डिवीजन के अन्य जिलों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। निजी सुविधाओं की रिपोर्टिंग पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
 
बैठक में जिला कार्यक्रम प्रबन्धक, डिविजनल और जिला फेमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम (एफपीएलएमआईएस) प्रबंधक, डीसीपीएम, जिला एचएमआईएस ऑपरेटर, सीएमओ कार्यालय के कर्मचारी आदि भी उपस्थित रहे ।