- परिवार नियोजन सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के साथ ही सेवाओं की रिपोर्टिंग एचएमआईएस पोर्टल व प्राइवेट प्रोवाइडर मोबाइल एप्लिकेशन पर जरूर करें
- स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पीएसआई इंडिया के सहयोग से निजी अस्पतालों के साथ हुआ संवाद
बरेली । परिवार नियोजन कार्यक्रम को सुदृढ़ बनाने और सेवा का लाभ समुदाय तक पहुंचाने में निजी क्षेत्र की भूमिका पर विचार-विमर्श को लेकर संवेदीकरण बैठक आयोजित की गयी। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में स्वयंसेवी संस्था द चैलेंज इनिशिएटिव – पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल –इंडिया (पीएसआई इंडिया) के सहयोग से आयोजित बैठक में 60 से अधिक निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विश्राम सिंह ने कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम से लोगों को जोड़ने में निजी क्षेत्र के अस्पताल अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने निजी अस्पतालों से अपील की कि वह योग्य दंपति को ‘बॉस्केट ऑफ च्वाइस’ के सभी साधनों के बारे में जानकारी देने के साथ ही सेवा प्रदान करने की रिपोर्ट भी स्वास्थ्य विभाग से जरूर साझा करें। इससे जिले में परिवार नियोजन सेवाओं की वास्तविक स्थिति का आंकलन करने के साथ ही जिले का सूचकांक भी बेहतर बनाया जा सकता है। निजी और सरकारी क्षेत्रों का सही आंकड़ा मिलने से नीति निर्माताओं को भी आवश्यकतानुसार कदम उठाने में मदद मिलती है और इससे परिवार नियोजन सेवाएं और सुदृढ़ होंगी।
इस मौके पर परिवार नियोजन कार्यक्रम के जनपदीय नोडल अधिकारी डॉ. अजमेर सिंह ने कहा कि परिवार नियोजन सम्बन्धी आईईसी सामग्री (पोस्टर-बैनर) को निजी चिकित्सालयों में निर्धारित स्तर पर प्रदर्शित किया जाए और काउंसिलिंग के दौरान उनका इस्तेमाल किया जाए। परिवार कल्याण सेवाओं को हेल्थ मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) पोर्टल पर हर महीने निश्चित रूप से अपलोड कराना सुनिश्चित किया जाए। परिवार नियोजन सेवाओं का रिकार्ड रजिस्टर भी अपडेट रखा जाए।
पीएसआई इंडिया के प्रतिनिधि अमित बाजपेयी ने बैठक के उद्देश्य के बारे में लोगों को अवगत कराया और बैठक में शामिल अधिकारियों और प्रतिनिधियों का स्वागत किया। पीएसआई इंडिया की शुभ्रा त्रिवेदी ने परिवार नियोजन को बढ़ावा देने वाले तीन उच्च प्रभावी हस्तक्षेप, प्रसव पश्चात परिवार नियोजन, क्षमता वृद्धि, आकंडों पर आधारित निर्णय लेना, निजी चिकित्सकों का मोबाइल एप्लिकेशन का अगस्त से अभी तक का डाटा प्रदर्शित किया। जिला डाटा मैनेजर अनूप ने एचएमआईएस पोर्टल का डाटा प्रदर्शित किया।
निजी नर्सिग होम क्षेत्र के नोडल डॉ. लईक अहमद अंसारी ने कहा कि फैमिली प्लानिंग रजिस्टर में निजी क्षेत्र के सेवा प्रदाता अपना रिकॉर्ड अपडेट करें और उसे ही स्वास्थ्य विभाग को पोर्टल के जरिये भी भेजें। उन्होंने सीआरएस पोर्टल पर भी चर्चा की। परिवार पूरा करने वाले दंपति को नसबंदी, आईयूसीडी, कंडोम, छाया, अंतरा, माला एन जैसे किसी न किसी साधन अपनाने का परामर्श अवश्य दिया जाए। इन सेवाओं की पहुंच बढ़ाने में निजी क्षेत्र की भी अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि हर हाल में निजी अस्पताल माह की 25 तारीख तक रिपोर्ट एचएमआईएस पोर्टल और मोबाइल ऐप्लिकेशन पर जरूर अपलोड करें।
बरेली प्रसूति एवं स्त्री रोग सोसायटी (ऑब्सटेट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटी) की अध्यक्ष डॉ. मृदुला ने कहा कि मातृ मृत्यु दर को कम करने में भी परिवार नियोजन सेवाओं की बड़ी भूमिका है और यह देश की प्रगति के लिए भी आवश्यक है। सोसायटी की सचिव डॉ. गायत्री ने परिवार नियोजन के तीन उच्च प्रभावी हस्तक्षेप को अपनाने की अपील की। डॉ. अजमेर सिंह ने रिपोर्ट की गुणवत्ता पर चर्चा के साथ ही शून्य रिपोर्ट न देने की बात कही।
बैठक में बेहतर परिवार नियोजन सेवाएं प्रदान करने और समय पर रिपोर्ट देने, रिकार्ड रजिस्टर पूरा रखने, प्रसव पश्चात परिवार नियोजन परामर्श और सेवाओं को देने के लिए डॉ. कोमल कक्कड़ -राजरानी अस्पताल, डॉ. प्रतिमा अजय- प्रतिमा अस्पताल, डॉ. रिजवाना -ग्लोबल अस्पताल, डॉ. आशु सक्सेना -वरदान अस्पताल और डॉ. नीरा अग्रवाल- मानस अस्पताल को पुरस्कृत किया गया। जनपद की मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता गुलिश्ता ने संस्थागत प्रसव और बच्चों के टीकाकरण की रिपोर्ट देने की अपील की। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) जिला अध्यक्ष डॉ. आर. के. सिंह ने बरेली प्रसूति एवं स्त्री रोग सोसायटी को सभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में सहयोग दिए जाने का आश्वासन दिया। पीएसआई इंडिया के अमित बाजपेयी ने सभी का आभार प्रकट किया। बैठक में पीएसआई इंडिया के अजय कुमार, मंडल से गंगाशरण, नीतीश, आईएमए सचिव डॉ. रतन पाल सिंह, फेमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजमेंट इन्फोर्मेशन सिस्टम से कमल और 60 से अधिक निजी अस्पतालों की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों सहित स्वास्थ्य विभाग की जिला स्तरीय टीम मौजूद रही।