लखनऊ । उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने महाकुम्भ-2025 में श्रद्धालुओं के आगमन के लिए परिवहन विभाग की तैयारियों को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ-2025 में लगभग 48 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, और इस दौरान परिवहन विभाग की जिम्मेदारी बहुत बढ़ जाएगी।
उन्होंने बताया कि महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को सुविधाजनक, सुगम और सुव्यवस्थित यात्रा मुहैया कराने के लिए विभाग निरंतर कार्य कर रहा है। उन्होंने विभागीय प्रदर्शनी/स्टॉल लगाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए, ताकि श्रद्धालुओं को परिवहन विभाग की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सके। इसके तहत स्टॉल के ले-आउट, एलईडी स्क्रीन, सिमुलेटर, और पंपलेट आदि की व्यवस्था की जाएगी।
परिवहन मंत्री ने सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान के तहत विभिन्न स्कूलों और संस्थाओं के साथ संपर्क स्थापित करने का भी निर्देश दिया, ताकि नुक्कड़ नाटक और अन्य सड़क सुरक्षा कार्यक्रम आयोजित किए जा सकें। इसके अतिरिक्त, महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को पाकेट कैलेण्डर वितरित किए जाएंगे, और सड़क सुरक्षा से संबंधित आडियो और वीडियो सार्टफिल्म प्रदर्शित की जाएगी। उन्होंने सड़क सुरक्षा नियमों और यातायात नियमों का प्रचार-प्रसार करने के लिए एलईडी स्क्रीनयुक्त पब्लिसिटी वैन भेजने की योजना बनाई है। साथ ही, मुख्य स्नान के दिन और एक दिन पूर्व तथा एक दिन बाद विभिन्न टोल प्लाजाओं पर राउण्ड द क्लॉक ड्यूटी करने के लिए प्रवर्तन अधिकारियों को तैनात किया जाएगा।
श्री सिंह ने यह भी निर्देश दिए कि जिला प्रशासन से संपर्क कर प्रत्येक जनपद में अस्थायी बस अड्डे बनाए जाएं, और बस स्टैंड के पास रोड सेफ्टी से संबंधित ब्रांडिंग की जाए। इसके अलावा, 2019 के बाद पंजीकृत कांट्रैक्ट कैरिज बसों का ही संचालन किया जाएगा, और बस स्टेशन के आसपास परिवहन विभाग की ब्रांडिंग की जाएगी। साथ ही, उन्होंने यात्रियों की सुविधाओं के लिए मोबाइल टॉयलेट, पेयजल, हेल्पडेस्क काउंटर, और पब्लिक एड्रेस सिस्टम की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने आटो/टैक्सी/बस यूनियन के पदाधिकारियों से समन्वय स्थापित करने के लिए भी कहा, ताकि वे निर्धारित वर्दी पहन सकें और यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं से मृदु व्यवहार करें। इसके अलावा, परिवहन मंत्री ने सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए ड्रंक-ड्राइविंग की रैन्डम चेकिंग और चालक के नेत्र परीक्षण शिविरों का आयोजन कराने का भी निर्देश दिया।