लखनऊ। भारतीय वायुसेना के लिए 30 जनवरी 2025 का दिन ऐतिहासिक बन गया, जब पहला सी-295 सैन्य परिवहन विमान आधिकारिक रूप से वायु सेना स्टेशन आगरा को प्राप्त हुआ। इस ऐतिहासिक अवसर पर एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, मध्य वायु कमान एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित की उपस्थिति में भव्य समारोह का आयोजन किया गया। समारोह की शुरुआत एक प्रभावशाली फ्लाई-पास्ट के साथ हुई, जिसमें दो एसयू-30 लड़ाकू विमानों ने नए सी-295 के साथ आकाश में उड़ान भरी। इस दृश्य ने भारतीय वायुसेना की बढ़ती ताकत और आधुनिकरण की दिशा में उठाए जा रहे कदमों को दर्शाया।
सी-295 विमान को मध्य वायु कमान के फ्लाइंग स्क्वाड्रन में शामिल किया गया है, जो इस क्षेत्र में हवाई अभियानों को और अधिक प्रभावी बनाएगा। भारतीय वायुसेना के परिवहन बेड़े के लिए यह एक बड़ा परिवर्तन है, जिससे वायु शक्ति को मजबूती मिलेगी और सैन्य अभियानों की गति और प्रभावशीलता में जबरदस्त वृद्धि होगी। आधुनिक सैन्य परिवहन विमान होने के कारण यह विमान लंबी दूरी की उड़ानों में सक्षम होने के साथ-साथ भारी भार उठाने की दक्षता भी रखता है। इसकी बहु-भूमिका संचालन क्षमता, आत्म-सुरक्षा तंत्र और अत्याधुनिक ऑन-बोर्ड उपकरण इसे सैन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन बनाते हैं। यह विशेष रूप से उत्तरी सीमाओं पर सुरक्षा अभियानों को मजबूत करेगा और सैनिकों के त्वरित परिवहन में सहायक सिद्ध होगा।सी-295 विमान की तैनाती केवल सैनिकों और सैन्य उपकरणों के परिवहन तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह विशेष बलों और पैरा कमांडोज के प्रशिक्षण को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करेगा। इसकी क्षमताओं के चलते यह विमान युद्ध जैसी परिस्थितियों में कमांडोज को त्वरित और सुरक्षित परिवहन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। किसी भी आकस्मिक स्थिति या सीमा पार से संभावित खतरे का सामना करने के लिए यह वायुसेना की तैयारी को और अधिक सशक्त बनाएगा।
इस ऐतिहासिक क्षण को यादगार बनाने के लिए नए विमान का स्क्वाड्रन परिसर में प्रवेश पारंपरिक 'वॉटर कैनन सलामी' के साथ किया गया। यह स्वागत समारोह न केवल भारतीय वायुसेना के लिए गर्व का अवसर था, बल्कि यह भारत की बढ़ती सैन्य ताकत और तकनीकी प्रगति का भी प्रतीक बना। विमान को भारतीय वायुसेना में चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जाएगा, जिससे सैन्य अभियानों में इसकी उपयोगिता को अधिकतम किया जा सके।समारोह के अंत में स्मृति चिन्हों का आदान-प्रदान किया गया और टीम आगरा ने पहले सी-295 विमान के साथ एक ऐतिहासिक तस्वीर खिंचवाई। इस मौके पर वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी, सैन्य अधिकारी और नागरिक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। भारतीय वायुसेना के लिए यह विमान एक नया मील का पत्थर साबित होगा, जिससे देश की रक्षा प्रणाली को और अधिक मजबूत किया जा सकेगा।