लखनऊ से रायबरेली पहुंची भारत सरकार की वॉटरशेड यात्रा वैन



रायबरेली । जल का मानव जीवन में महत्व एवं भूमि संरक्षण के बारे में लोगों में व्यापक स्तर पर जनजागरूकता लाने के लिए गुरुवार को वाटरशेड यात्रा वैन का भूमि संरक्षण अधिकारी, कृषि विभाग रायबरेली के अगुवाई में स्टेट लेवल नोडल एजेंसी वॉटरशेड विकास घटक-प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. हीरा लाल ने ग्रामीणों, ग्राम प्रधानों व जनप्रतिनिधियों के साथ रमईपुरकला (हसनापुर), ब्लाक सरेनी, जिला रायबरेली में झंडी दिखाकर रवाना किया ।

डॉ. हीरा लाल ने जीर्णोधार किये जा रहे तालाब का पूजन कर तालाब के किनारे वृक्षारोपण किया । मौके पर उपस्थित  अधिकारियों/कर्मचारियों को सन्देश दिया कि पेड़ लगाने में बहादुरी नहीं है पेड़ को जीवित रखने में बहादुरी है। वाटरशेड यात्रा में स्कूली बच्चों ने सुबह प्रभातफेरी निकालकर जल, जंगल, जमीन बचाने का सन्देश घर-घर पहुँचाया । इसके साथ ही मोटर साइकिल रैली एवं स्वयं सहायत समूह की महिलाएं व अन्य ग्रामीण महिलाओं द्वारा वाटरशेड यात्रा के उद्देश्य को सफल बनाने के लिए कलश यात्रा निकाली गयी।

कृषक विद्या मंदिर विद्यालय में स्कूली बच्चों व ग्रामवासियों द्वारा जल संरक्षण पर आधारित नुक्कड़ नाटक किया गया, उपस्थित सभी लोगों से अपील की गयी कि वह जल के महत्व को समझें और पानी के एक भी बूंद को व्यर्थ न जाने दें ।  विनय वर्मा सहायक निदेशक, मृदा परीक्षण, कृषि विभाग, रायबरेली द्वारा विकसित सोलर लाइट ट्रैप, फेरोमोन ट्रैप और नीली पीली चिप-चिपी पट्टियों को वितरित किया गया । मृदा और जल संरक्षण पर आधरित निबन्ध प्रतियोगिता में अव्वल आयी छात्राओं को डॉ हीरा लाल द्वारा पुरस्कृत किया गया और सभी लोगों को जल संरक्षण की शपथ दिलाई ।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ हीरा लाल ने विद्यालय में उपस्थित सभी लोगो को धरती माँ के मुख्य घटक जल जंगल जमीन के संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि हमारी दो माता है । दूसरी माता पृथ्वी है, जो जल, जंगल और जमीन से बनी है । सभी लोग धरती माता की रक्षा, सुरक्षा करके शुद्ध हवा, शुद्ध पानी एवं शुद्ध भोजन प्राप्त कर अपना जीवन सम्पन्न और खुशहाल बनाएं ।