रक्तदान करेंगे तो जवान बने रहेंगे : डॉ. सूर्यकान्त



लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल पद्मभूषण राम नाईक के 91वें जन्मदिन पर मराठी समाज ने बुधवार को आईएमए भवन, रिवर बैंक कालोनी में रक्तदान शिविर का आयोजन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने रक्तदान करने वाले महादानियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया व रक्तदान के लिए सभी को बधाई दी।

इस मौके पर डॉ. सूर्यकान्त ने रक्तदान के फायदे गिनाते हुए कहा कि एक यूनिट रक्तदान करने से सिर्फ़ 350 मिली. रक्त ही लिया जाता है लेकिन इससे 4 से 5 लोगों के जीवन की रक्षा होती है। इसलिए रक्त दान को महादान कहा गया है। रक्तदान से शरीर में कोई कमज़ोरी नहीं आती है और न ही थकान आती है और न ही किसी तरह का नुक़सान शरीर को होता है बल्कि रक्तदान से शरीर के अंदर एक सप्ताह के भीतर नई रक्त कणिकाएं बन जाती हैं, शरीर में नई ऊर्जा आती है और बीमारियों के प्रति लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है। इसलिए रक्तदान से भ्रमित नहीं होना चाहिए बल्कि हर युवा को वर्ष में दो  बार रक्तदान अवश्य करना चाहिए जिससे वह जीवन भर युवा बने रहें, उनका स्टैमिना बढे और साथ ही कई लोगों के जीवन की रक्षा भी कर सकेंगे, जिससे पुण्य के भागीदार भी बनेंगे।

मराठी समाज के संस्थापक अध्यक्ष उमेश कुमार पाटील ने बताया कि पद्मभूषण राम नाईक वर्ष 2014 सें 2019 तक उत्तर प्रदेश में रहे। मराठी समाज ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश के लोगों के दिलों पर आज भी उनके लिए सम्मान देखने को मिलता है। उमेश पाटिल ने आईएमए ब्लड बैंक के डा. मनीष, मुकुल तोमर, अन्नू सिंह, प्रग्रेशा खंखार, श्रद्धा व विशाल का मराठी समाज की ओर से सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया व आभार व्यक्त किया।