नाथ नगरी बरेली को पर्यटन हब बनाने की तैयारी, 13 परियोजनाओं को मिली 66 करोड़ की स्वीकृति



बरेली/लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने बरेली जनपद में धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। पर्यटन विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के तहत 66.76 करोड़ रुपये (6676.21 लाख) की लागत से कुल 13 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन परियोजनाओं के माध्यम से नाथ नगरी के प्राचीन मंदिरों और श्रद्धा स्थलों को विकसित कर श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए बेहतर आधारभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी। यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।

उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य नाथ नगरी की धार्मिक महत्ता को संरक्षित करते हुए यहां के मंदिर समूहों का पर्यटन विकास करना है। सरकार नाथ कॉरिडोर के रूप में बरेली के मंदिरों को एकीकृत स्वरूप में विकसित कर रही है, ताकि आने वाले श्रद्धालुओं को एक सुव्यवस्थित धार्मिक अनुभव प्राप्त हो सके। पर्यटन मंत्री ने बताया कि नाथ कॉरिडोर के तहत अलखनाथ मंदिर में 1167 लाख रुपये, तुलसीमठ में 971 लाख रुपये, तापेश्वरनाथ मंदिर में 836.9 लाख रुपये, त्रिवटीनाथ मंदिर में 655.6 लाख रुपये और पशुपतिनाथ मंदिर में 298.9 लाख रुपये की लागत से पर्यटन विकास कार्य कराए जाएंगे। इसी क्रम में धोपेश्वरनाथ मंदिर के लिए 771.7 लाख रुपये और कॉवड़ यात्रा स्थलों के उन्नयन हेतु 401.9 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त नाथ कॉरिडोर में साइनेज और अन्य जरूरी अवस्थापना सुविधाओं की स्थापना के लिए 497.7 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। ये सभी परियोजनाएं आयुक्त बरेली मंडल के प्रस्ताव पर आधारित हैं।पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि जनप्रतिनिधियों की मांग पर भी पर्यटन विकास कार्यों को स्वीकृति दी गई है।

नवाबगंज विधानसभा क्षेत्र में विधायक डॉ. एमपी आर्य के प्रस्ताव पर भगवान शिव मंदिर के विकास हेतु 108.6 लाख रुपये, विथरी चैनपुर में विधायक डॉ. राघवेन्द्र शर्मा के प्रस्ताव पर रामगंगा घाट के किनारे स्थित लेटे हुए हनुमान जी मंदिर के विकास हेतु 93.61 लाख रुपये, मीरगंज विधानसभा में विधायक डॉ. डीसी वर्मा के प्रस्ताव पर एक प्राचीन मंदिर के लिए 108.9 लाख रुपये तथा भोजीपुरा क्षेत्र में विधान परिषद सदस्य कुंवर महाराज सिंह के प्रस्ताव पर प्राचीन शिवमंदिर के पर्यटन विकास के लिए 181.5 लाख रुपये की मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि बरेली मंदिरों की नगरी है और यहां पूरे वर्ष श्रद्धालुओं की आवाजाही बनी रहती है। सरकार की मंशा है कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सभी आवश्यक सुविधाएं मिलें, जिससे बरेली को एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा सके।