कोटद्वार/देहरादून। अंकिता भंडारी हत्याकांड में आज कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। अदालत ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य और उसके दो साथियों, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता, को अंकिता की हत्या का दोषी ठहराया है। हालांकि, तीनों आरोपियों की सजा का ऐलान अभी बाकी है। उत्तराखंड के ऋषिकेश में एक रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करने वाली अंकिता भंडारी की हत्या 18 सितंबर 2022 को हुई थी।
इस सनसनीखेज मामले की जांच के दौरान एसआईटी (विशेष जांच दल) ने अदालत में 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें कुल 97 गवाहों को नामित किया गया था। अभियोजन पक्ष ने इनमें से 47 गवाहों को अदालत के समक्ष पेश किया।
श्रीनगर गढ़वाल की रहने वाली अंकिता भंडारी ऋषिकेश के निकट वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थीं। 18 सितंबर 2022 को उनकी हत्या कर दी गई थी और उनका शव चीला नहर में फेंक दिया गया था। एसआईटी द्वारा कोर्ट में दाखिल चार्जशीट के अनुसार, पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता, के साथ मिलकर इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया था।
इस मामले की सुनवाई दो साल और आठ महीने तक चली। इस दौरान अभियोजन पक्ष ने विवेचना अधिकारी सहित कुल 47 गवाह पेश किए। जांच में सामने आया था कि अंकिता का पुलकित आर्य से विवाद हो गया था, जिसके बाद पुलकित ने सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर अंकिता को ऋषिकेश की चीला नहर में कथित तौर पर धक्का दे दिया था।
अंकिता का शव नहर से बरामद होने के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलकित आर्य, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तत्कालीन नेता विनोद आर्य का बेटा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पार्टी ने विनोद आर्य को तुरंत पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इस घटना के प्रकाश में आने के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला था, जिसके बाद राज्य सरकार को लोगों को शांत करने और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष जांच दल का गठन करना पड़ा था। सरकार ने आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का भी वादा किया था।