सुचारु रूप से संचालित होगा पोषण पुनर्वास केंद्र, कुपोषण होगा दूर



लखनऊ, 8 जून 2020 - कोविड-19 के सन्दर्भ में अतिकुपोषित बच्चों के प्रबंधन तथा पोषण पुनर्वास केंद्र के संचालन के सम्बन्ध में महानिदेशक परिवार कल्याण डॉ. मिथलेश चतुर्वेदी द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी किया गया है | उत्तर प्रदेश में कुपोषण गंभीर समस्या है | अति कुपोषित बच्चों में बाल्यावस्था में  होने वाली बीमारियों और उनसे होने वाली मौतों का खतरा बढ़ जाता है | सूबे में बच्चों के कुपोषण से प्रबंधन के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) संचालित हैं | अतिकुपोषित बच्चों में सामान्य बच्चों की अपेक्षा रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है | कोविड-19 के संक्रमण के चलते, अतिकुपोषित बच्चों में इस संक्रमण से ग्रसित होने की सम्भावना अधिक है | ऐसे में एनआरसी का सञ्चालन सुचारू रूप से आवश्यक है |

पत्र के अनुसार – एनआरसी में कोरोना के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए समूह में बैठकर सलाह देना, खेल के माध्यम से इलाज करना एवं खाना पकाने के प्रदर्शन सहित गतिविधियों को निलम्बित रखा जाए तथा इसके स्थान पर स्टाफ द्वारा हर एक बच्चे के देखभालकर्ता  को व्यक्तिगत रूप से उसके बेड पर ही सलाह दी जाए |  एनआरसी में भर्ती किसी बच्चे को जुकाम या सांस लेने में कठिनाई हो रही है या नहीं इसके लिए उसकी दिन में दो बार जांच की जानी चाहिए और उसका कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड / कोविद समर्पित चिकित्सा इकाई में इलाज कराया जाना चाहिए | एनआरसी में भर्ती अति कुपोषित बच्चा यदि चिकित्सीय जटिलता से उबर गया है और उसका वजन लगातार तीन दिनों तक 5 ग्राम/प्रति किग्रा से भी कम बढ़ रहा है तो उसकी माँ या देखभालकर्ता को हाथ धोने, प्ले थेरेपी, पौष्टिक भोजन कैसे तैयार किया जाए के साथ–साथ आवश्यक दवाईयों से सम्बंधित सलाह देकर डिस्चार्ज किया जा सकता है |

फॉलो अप के लिए केवल उन्हीं बच्चों को एनआरसी में “आमने-सामने के अनुश्रवण” के लिए बुलाया जाएगा जिन्हें कोई चिकित्सीय समस्या है  बाकी बच्चों का अनुश्रवण फोन के माध्यम से किया जायेगा |  कोरोना संक्रमण के चलते पोषाहार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा लाभार्थियों के घरों पर ही पहुँचाया जा रहा है | इसलिए एनआरसी से डिस्चार्ज हुए अति कुपोषित बच्चों की सूची सम्बन्धी क्षेत्रों की सूची आंगनवाड़ी केन्द्रों को दी जाए | समुदाय में ऐसे कुपोषित बच्चे जो चिन्हित किये गए हैं, आशा/आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता द्वारा निगरानी के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी) अथवा पास के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को संदर्भित किये जाएँ |