आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर–घर पहुंचा रहीं पोषाहार



  • साथ में दे रहीं पोषण सन्देश

लखनऊ, 18 जून 2020 - गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के साथ-साथ 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों को शारीरिक रूप से मजबूत बनाने के लिए जिले में पोषाहार का वितरण रोस्टर के अनुसार किया जा रहा है | साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता प्रवासियों का डाटा जुटा रहीं है और लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव के बारे में भी जागरूक कर रही हैं | यह कहना है जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) अखिलेन्द्र दुबे का | डीपीओ ने बताया - गर्भवती एवं धात्री महिलाओं एवं बच्चों को समुचित पोषण प्रदान करने के लिए शासन के निर्देशानुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर–घर जाकर सावधानी बरतते हुए लोगों को पोषाहार पहुंचा रही हैं |  पोषाहार वितरण के दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व अन्य लोगों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क और साफ़-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है | हमारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पोषाहार वितरण के साथ-साथ प्रतिदिन पोषण सन्देश भी समुदाय तक पहुंचा रही हैं |

मलिहाबाद ब्लाक की पूर्वा आंगनवाड़ी केंद्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता नविता बताती हैं कि हम पोषाहार वितरण के साथ साथ लाभार्थियों व उनके परिवार के सदस्यों को यह जानकारी भी देते हैं कि 6 माह से ऊपर के बच्चों को अगर सही पोषण नहीं मिलता है  तो उनका मानसिक और सामाजिक विकास ठीक से नहीं हो पाता है और वह कुपोषित हो जाते हैं | ऐसे कुपोषित बच्चों में संक्रमण की सम्भावना अधिक होती है क्योंकि उनमें रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है लेकिन रिस्पोंसिव देखभाल से बच्चा ठीक भी हो जाता है |

मोहनलालगंज ब्लाक के मऊ आंगनवाड़ी केंद्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सुमन का कहना है – हम पोषाहार के साथ ही लोगों को जानकारी देते हैं कि बच्चा यदि बीमार है तो भी उसे स्तनपान कराना जारी रखें | खाना पकाने व बच्चे को हर बार खाना खिलाने से पहले 40 सेकेण्ड तक पानी और साबुन से हाथ धोएं | बच्चे को फर्श आदि स्पर्श करने के बाद और शौचालय जाने के बाद हाथ धुलायें | बच्चे को साफ और अलग कटोरी में खाना खिलाना चाहिए | बच्चे को चिप्स, बिस्किट, चोकलेट, टाफी नहीं देनी चाहिए | यदि बच्चा बीमार है तो उसे उसकी पसंद का खाना बना कर खिलाना चाहिए |