शिष्टाचार के नए नियम अपनाओ, खुद बचो-औरों को भी बचाओ



- अब आदतों में जरूरी बदलाव लाने में ही है सभी की भलाई
- आदर, समर्पण व सेवाभाव को जिन्दा रखना है बस तरीका बदलकर

लखनऊ, 21 जून-2020 - कोविड-19 यानि कोरोना के संकट के दौर में हमें अपने शिष्टाचार व  व्यवहार में बदलाव लाना बहुत ही जरूरी हो गया है । एक दूसरे के प्रति आदर, समर्पण व सेवा भाव को लेकर ही भारतीय सभ्यता और संस्कृति की सदियों से एक अलग पहचान रही है, हमें अपनी उस थाती को मिटाना नहीं है बल्कि उसमें समय की मांग के मुताबिक़ कुछ बदलाव जरूर करना है ताकि कोरोना जैसे अदृश्य शत्रु से खुद को सुरक्षित रखने के साथ ही हम दूसरों को भी सुरक्षित बना सकें । यह कहना है किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू), लखनऊ के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष व केजीएमयू कोरोना टास्क फ़ोर्स के सदस्य डॉ. सूर्यकान्त का ।

​अपने से बड़ों का पैर छूकर या गले लगकर आदर भाव प्रदर्शित करने के तरीके में हमें तब तक बदलाव लाना होगा जब तक कि कोरोना वायरस को ख़त्म करने वाली वैक्सीन या मुकम्मल इलाज की व्यवस्था नहीं हो जाती । हमें अपने से बड़ों के प्रति आदर भाव को बखूबी जिन्दा रखना है बस हम पैर छूने की जगह हाथ जोड़कर उस भाव को अभी प्रदर्शित कर सकते हैं । सेवा भाव को भी कायम रखना है, बस उसके लिए जरूरी है कि कम से कम एक मीटर की दूरी जरूर बनी रहे । सिर पर हाथ फेरकर सांत्वना देने के बजाय अभी शब्दों की ताकत से ही अपने उस भाव को प्रकट करना मुनासिब होगा । अपनी धार्मिक आस्था को भी बनाये रखना है बस पूजा-अरदास व इबादत के तरीकों में बदलाव लाना होगा और अपने आराध्य के प्रति समर्पण के भाव को प्रकट करने के लिए धार्मिक स्थलों और भीडभाड में जाने के बजाय अपने घरों में ही पूजा-पाठ करना ज्यादा बेहतर होगा ।

किसी के भी सुख-दुःख में साथ खड़े रहने की आदत को भी कुछ वक्त के लिए कुछ अलग अंदाज या तरीके के साथ निभाना होगा । सुख में अपनी ख़ुशी का इजहार फोन या अन्य माध्यमों के जरिये ऐसे करिए कि लगे की आप दिल से उनके साथ हैं और दुःख में भी ऐसा भाव प्रकट करना है कि सामने वाले को लगे कि इस मुश्किल घडी में सभी लोग साथ हैं, बस समय की मांग यह है कि जो जहाँ है वहीँ से उसकी हर तरह से मदद को तैयार है । बहुत जरूरी हो तभी किसी भी तरह का समारोह आयोजित करें और ध्यान रखें कि उसमें कम से कम लोग शामिल हों ताकि कोविड-19 के सुरक्षा मानकों का पूरी तरह से पालन हो सके । हमें इसी तरह की कुछ छोटी-छोटी बातों को कुछ वक्त के लिए ध्यान में रखना बहुत ही जरूरी हो गया है ताकि अपने साथ ही घर-परिवार और समुदाय को कोरोना जैसे वायरस से बचा सकें ।         

क्या करें –
- बिना शारीरिक संपर्क के लोगों का अभिवादन करें
- कम से कम एक मीटर की शारीरिक दूरी बनाये रखें
- हर वक्त फिर से इस्तेमाल करने योग्य फेस कवर/मास्क पहनें
- सांस की स्वच्छता के नियमों का पालन करें और खांसते/छींकते समय नाक और मुंह ढकें
- बार-बार हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैण्ड सेनेटाइजर इस्तेमाल करें
- नियमित रूप से इस्तेमाल वाली सतहों को कीटाणुमुक्त रखें

क्या न करें –
- अनावश्यक यात्रा से बचें
- सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूकें
- आँख, नाक और मुंह को छूने से बचें
- कोविड-19 संक्रमितों व देखभाल करने वालों/कोविड वारियर के साथ भेदभाव न करें
- सामजिक कार्यक्रम स्थगित नहीं किया जा सकता तो मेहमानों की संख्या कम से कम रखें
- भीडभाड वाली जगहों पर न जाएँ और सामूहिक समारोहों से बचें