घर व आस-पास पानी न जमा होने दें, सफाई रखें
खानपान का भी इस मौसम में रखें खास ख्याल
लखनऊ , 24 जून 2020 - झुलसाती गर्मी से शरीर को राहत पहुंचाने को अब मानसून आ चुका है लेकिन तन-मन को भिगोने वाली इस बारिश में जरूरी सावधानी न बरतने पर यह आपको बीमार भी कर सकती है | इसलिए इस बारिश का भरपूर आनंद लेने के लिए जरूरी है कि कुछ जरूरी सावधानी बरतें और शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखें |
बरसात के कारण जगह - जगह जल जमाव जैसी स्थिति बन जाती है, जिसमें मच्छर पनपते हैं जो मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जापानी इन्सेफेलाईटिस, फोड़े फुंसी जैसे रोगों का कारण बनते हैं | घरों में कूलर, खाली पड़े कंटेनर, पीपे , फ्रिज की ट्रे, टायर, गमलों की ट्रे में पानी इकठ्ठा नही होने देना चाहिए | साथ ही घर व उसके आस-पास सफाई रखनी चाहिए | कहीं भी कूड़ा इकठ्ठा नहीं होने देना चाहिए | इन सावधानियों को बरतने से कई तरह की बीमारियों से खुद के साथ घर-परिवार को भी बचा सकते हैं | यह कहना है- केंद्रीय होम्योपैथिक परिषद् के पूर्व सदस्य एवं वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डा. अनिरुद्ध वर्मा का | उन्होंने बताया- इस मौसम में वायरल फीवर भी तेजी से फैलता है और कंजेक्टेवाईटिस होने की सम्भावना भी होती है |
डॉ. वर्मा का कहना है कि इस मौसम में उमस व नमी होती है जिसमें बैक्टीरिया, पैरासाईट फंगस जल्दी पनपते हैं जो भोजन के साथ –साथ त्वचा को भी संक्रमित करते हैं | इसलिए ऐसे मौसम में ताजा एवं अच्छे से पका हुआ भोजन ही करना चाहिए | प्रदूषित पानी एवं बासी खाने की चीजों से कालरा, गैस्ट्रोइंट्राइटिस दस्त, पेचिस, फ़ूड प्वायजनिंग बदहजमी का खतरा बढ़ जाता है | इस मौसम में हमें खुले एवं कटे फल, बाहर की खुली चाट पकौड़ी एवं बासी भोजन नहीं खाना चाहिए | डिब्बा बंद खाने के सामान से भी परहेज करना चाहिए | बार-बार दस्त होने पर जीवन रक्षक घोल (ओआरएस) का उपयोग करना चाहिए ताकि शरीर में पानी की कमी न होने पाए |
इस मौसम में व्यक्तिगत साफ़-सफाई का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए | बारिश के कारण भीगने की सम्भावना बढ़ जाती है इसलिए हमें भीगने के बाद देर तक गीले कपड़े नहीं पहने रहना चाहिए | भीगने के बाद तुरंत ही कपडे बदल लेने चाहिए और अपने शरीर को अच्छे से सुखा लेना चाहिए | पानी उबालकर ही पीना चाहिए, आसानी से पचने वाला भोजन करना चाहिये तथा हरी पत्तेदार सब्जियों के सेवन से बचना चाहिए |
डा.वर्मा ने बताया- आज हम कोरोना संक्रमण से जूझ रहे हैं इसलिए बुखार, खांसी , गले में खराश, जुकाम या अन्य कोई समस्या होने पर तुरंत प्रशिक्षित डाक्टर को दिखाना चाहिए | होम्योपैथिक में भी मौसमी बीमारियों का इलाज पूरी तरह संभव है |