आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी



-    परिवार कल्याण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने लिए होंगे विविध कार्यक्रम
-    गर्भ निरोधक साधनों को अपनाने के बारे में जागरूकता पर होगा जोर

लखनऊ, 07 जुलाई-2020 -  “छोटा परिवार-सुखी परिवार” पर अमल को लेकर हर साल विश्व जनसँख्या दिवस (11 जुलाई) से आयोजित होने वाले जनसंख्या स्थिरता पखवारे के स्वरूप में इस बार कोरोना के चलते कुछ बदलाव नजर आएगा । इस पखवारे को 31 जुलाई तक चलाया जाएगा । इस बार छोटे परिवार के फायदे बताने के लिए घर-घर पहुँचने वाली फ्रंट लाइन वर्कर आशा और एएनएम को लोगों से एक उचित दूरी बनाकर रखना होगा । कोरोना को देखते हुए ही इस बार विश्व जनसँख्या दिवस पखवारे की थीम – “आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी” तय की गयी है ।

कोविड-19 महामारी में भी जनसँख्या स्थिरीकरण के लिए समाज को जागरूक करने के साथ ही परिवार नियोजन कार्यक्रमों को गति प्रदान करना इस साल की थीम का मुख्य उद्देश्य है । पखवारे के दौरान परिवार कल्याण कार्यक्रमों से लोगों को सीधे तौर पर जोड़ने के लिए प्रचार-प्रसार पर जोर रहेगा, जिसके लिए सोशल मीडिया से लेकर प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया और पम्पलेट, पोस्टर-बैनर का भी सहारा लिया जाएगा । इसके लिए 11 जुलाई से शुरू होने वाले पखवारे की शुरुआत स्थानीय जनप्रतिनिधियों से कराने को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की तरफ से कहा गया है ।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा इसके अलावा कई अन्य निर्देश भी दिए गए हैं, इस पर बात करते हुए महाप्रबंधक परिवार कल्याण , डाक्टर अल्पना शर्मा  ने बताया “कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करते हुए परिवार नियोजन के विभिन्न गर्भ निरोधक साधनों (बास्केट ऑफ़ च्वाइस) के बारे में लोगों की काउन्सिलिंग करना है। लाभार्थियों को कंडोम या गर्भनिरोधक गोलियों के अतिरिक्त पैकेट (कम से कम दो माह के लिए) देने को कहा गया है । समुदाय में गर्भ निरोधक साधनों के वितरण के दौरान सामाजिक एवं व्यक्तिगत दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा । पखवारे के दौरान लाभार्थियों को गर्भ निरोधक इंजेक्शन अन्तरा और प्रसव पश्चात आईयूसीडी को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाए । नसबंदी प्रक्रिया के लिए पुरुष या महिला का प्री रजिस्ट्रेशन जरूर किया जाए । जिन स्थानों पर कंडोम बाक्स लगे हैं, उन्हें प्रतिदिन विसंक्रमित किया जाए । नियत दिवस सेवा का आयोजन क्रियाशील ओ. टी. वाली चिकित्सा इकाइयों पर ही किया जाए और प्रति सेवा दिवस चिकित्सा इकाई के लिए 10 केस का ही निर्धारण किया जाए ताकि सुरक्षा मानकों का पूरी तरह से पालन हो सके । परिवार नियोजन के सभी गर्भ निरोधक साधनों की नि:शुल्क उपलब्धता सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर सुनिश्चित करने को कहा गया है ।“

पखवारे के दौरान उचित उम्र पर ही विवाह, बच्चों के जन्म में अंतर रखने, प्रसव पश्चात परिवार नियोजन की सेवाएं, परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी, गर्भ समापन पश्चात् परिवार नियोजन की सेवाओं के बारे में जनजागरूकता पैदा करने पर जोर दिया जाएगा । इसके अलावा जनपद में कार्यरत गैर सरकारी संस्थाएं जैसे- सिफ्सा, टीएसयू तथा अन्य सहयोगी निजी संस्थाओं के साथ ही हौसला साझेदारी कार्यक्रम के अंतर्गत अधिकृत निजी संस्थाएं अपने स्वयं के चिकित्सालयों/सम्बद्ध चिकित्सालयों अथवा राजकीय चिकित्सालयों में परिवार कल्याण सम्बन्धी सेवाएं, प्रसव या गर्भपात पश्चात नसबंदी सेवायें इस पखवारे के दौरान प्रदान किये जाने में पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगी ।