विश्व हेपेटाइटिस दिवस (28 जुलाई) पर विशेष



माताओं व नवजात को हेपेटाइटिस से बचाना जरूरी

लखनऊ , 27 जुलाई 2020 -  हर साल 28 जुलाई को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा “विश्व हेपेटाइटिस दिवस”  मनाया जाता है | इस वर्ष इस दिवस की थीम है – “हेपेटाइटिस मुक्त भविष्य” जो   माताओं एवं नवजात में हेपेटाइटिस  रोकने पर केन्द्रित है |

इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य हेपेटाइटिस  रोग के प्रति लोगों में जागरुकता पैदा करना है |  विश्व  स्वास्थ्य संगठन के अनुसार – हेपेटाइटिस बीमारी हेपेटाइटिस  वायरस के संक्रमण से होती है |  इसके पांच मुख्य स्ट्रेन हैं- “ए”, “बी”,”सी” “डी” एवं “ई” | विश्व में वायरल हेपेटाइटिस बी एवं सी से 32.5 करोड़ लोग संक्रमित हैं | हेपेटाइटिस बी एवं सी लाखों लोगों में क्रोनिक हो जाती है और यह लिवर सिरोसिस, लिवर कैंसर तथा वायरल हेपेटाइटिस से सम्बंधित मौतों का मुख्य कारण है | पूरी दुनिया में प्रति वर्ष 13 लाख लोगों की मृत्यु  हेपेटाइटिस बी एवं सी  से होती है | कुछ प्रकार के हेपेटाइटिस  का इलाज वैक्सीनेशन के द्वारा संभव है | कोविड-19 संक्रमण के दौरान भी इससे हजारों लोगों की जाने जा रही हैं |

डब्ल्यूएचओ के अनुसार – हर साल 9 लाख लोगों की मृत्यु हेपेटाइटिस बी के संक्रमण के कारण हो जाती है |  42 प्रतिशत बच्चों को जन्म के समय हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन मिलती है |

हेपेटाइटिस  के कारण  : नेशनल होम्योपैथिक काउन्सिल के पूर्व सदस्य एवं होम्योपैथिक चिकित्सक डा. अनुरुद्ध वर्मा बताते हैं-  इस बीमारी का मुख्य कारण हिपेटाईटिस वायरस है | इसके  अलावा इसके संभावित कारण हैं - विभिन्न प्रकार के संक्रमण , नशा करना | साथ ही ऑटो इम्यून डिजीज और कुछ निश्चित दवाओं के इस्तेमाल के दुष्प्रभाव से भी यह बीमारी हो सकती है |

हेपेटाइटिस के लक्षण : डा. अनुरुद्ध वर्मा  के अनुसार - कुछ लोगों में शुरुआत में इसके कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं | आमतौर पर इसके लक्षण 15  से 180 दिनों के बाद दिखाई देते हैं | संक्रमण गंभीर होने पर – बुखार, निमोनिया,भूख न लगना  , उलटी होना, पेट में दर्द, दिल घबराना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना, सिर दर्द, वजन कम होना , चक्कर आना, यूरिन का रंग पीला हो जाना, खुजली रहना, त्वचा , आँखों के सफ़ेद भाग, जीभ का रंग पीला पड़ जाना , लिवर का आकार बढ़ना और महिलाओं में मासिक धर्म का गड़बड होना इत्यादि |

कैसे करें हेपेटाइटिस से बचाव :  डा. अनुरुद्ध वर्मा के अनुसार - साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, टैटू केलिए स्टरलाइज सुई का उपयोग करें, सुरक्षित शारीरक सम्बन्ध बनायें, अपने टूथ ब्रश और रेजर किसी के साथ साझा न करें, शराब का सेवन करने से बचें , टॉयलेट से आने के बाद सफाई का विशेष ध्यान रखें |

यह बीमारी मानसून में अधिक फैलती है इसलिए इस मौसम में तैलीय, मांसाहारी, मसालेदार और भारी खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए | इस बीमारी से बचने के लिए शाकाकारी आहार, हरी पातेदार सब्जियां, ब्राउन राइस  विटामिन सी युक्त पदार्थ, सूखे खजूर, पपीता , नारियल पानी , बादाम , इलायची का सेवन करना चाहिए | राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2015-16) के अनुसार उत्तर प्रदेश में 12-23 माह के  52.8 प्रतिशत बच्चों को हेपेटाइटिस बी के टीके की तीन डोज़ मिलती हैं | राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2015-16) के अनुसार लखनऊ  में 12-23 माह के   61.1  प्रतिशत बच्चों को हेपेटाइटिस  बी के टीके की तीन डोज़ मिलती हैं |