कोरोना जांच के मामले में यूपी फर्स्ट



•    40 लाख से ज्यादा नमूनों की जांच कर बना देश का पहला राज्य
•    रिकवरी दर भी बढ़ी, मृत्यु दर, राष्ट्रीय आंकड़े से कम

लखनऊ। 19 अगस्त 2020 - उत्तर प्रदेश ने बुधवार को कोरोना जांच के मामले में एक और उपलब्धि हासिल कर ली है। प्रदेश अब 40 लाख से अधिक कोरोना नमूनों की जांच करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। पिछले कुछ समय से प्रतिदिन होने वाली जांच के मामले में यूपी लगातार अव्वल चल रहा है। बीती 14 अगस्त को कुल कोरोना नमूनों की जांच के मामले में तमिलनाडु को पीछे छोड़कर प्रदेश, देश में पहले पायदान पर आया और अब 40 लाख की जांच का आंकड़ा भी सबसे पहले पार कर लिया है।

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक बीते 24 घंटों में प्रदेश में विभिन्न प्रयोगशालाओं में कुल 1,07,768 कोरोना नमूनों की जांच की गई। इसके साथ ही राज्य में कुल कोरोना नमूनों की जांच का आंकड़ा 40,75,174 पहुंच गया है। वहीं राज्य में अब तक एक लाख से अधिक कोरोना मरीज इलाज के बाद स्वस्थ भी हो चुके हैं।

उन्होंने बताया कि इतनी बड़ी उपलब्धि के बावजूद मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनसंख्या को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करने और टेस्टिंग को और बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। कहा गया है कि प्रदेश में रोज 75,000  से 80,000 रैपिड एंटीजन टेस्ट और 40,000 से 50,000 आरटी-पीसीआर टेस्ट किए जाएं।  

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में कोविड के कारण मृत्यु दर भी राष्ट्रीय आंकड़ों से कम है। प्रदेश में मृत्यु दर 1.57 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 1.9 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रिकवरी दर भी पहले से बढ़ी है। इस वक्त रिकवरी दर 68.78 प्रतिशत है।  

प्रदेश में 120 सरकारी लैब एवं 39 निजी लैब द्वारा कोविड संक्रमण की जांच की जा रही है जिनमें से कुल 33 सरकारी लैब में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा स्थापित की गई है। प्रदेश के जिला अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में 115 ट्रूनेट मशीन स्थापित कर त्वरित जांच की सुविधा दी जा रही है। इस महीने के अन्त तक 17 अतिरिक्त लैबों में आरटीपीसीआर की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

अपर मुख्य सचिव—चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के मुताबिक स्वास्थ्य महकमा और चिकित्सा शिक्षा विभाग आरटीपीसीआर लैब निरंतर विस्तारित कर रहे हैं। गाजियाबाद की प्रयोगशाला भी अब प्रारंभ हो गई है। आईसीएमआर से स्वास्थ्य विभाग के जिला चिकित्सालयों में बलिया, प्रतापगढ़ और आजमगढ़ के लिए और भी आरटीपीसीआर की प्रयोगशालाएं स्थापित करने के लिए उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वहां पर शीघ्र प्रयोगशालाओं को स्थापित किया जाएगा।