उत्तर प्रदेश में पोषण परिणामों में सुधार लाने पर मंथन



लखनऊ - उत्तर प्रदेश में पोषण परिणामों में सुधार के लिए फूड फोर्टिफिकेशन को बढ़ावा देने हेतु नीति निर्माताओं के साथ विचार-विमर्श करने के लिए ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज (जीएचएस) संस्था द्वारा वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया । बैठक में सांसद, प्रयागराज तथा पूर्व मंत्री, महिला, परिवार और मातृत्व एवं शिशु कल्याण उ०प्र० सरकार प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी, सांसद खीरीअजय मिश्र, विधायक सदर लखीमपुर योगेश वर्मा, विधायक श्रीनगर लखीमपुर मंजू त्यागी, विधायक वाराणसी कैंट सौरभ श्रीवास्तव, विधायक कोराव प्रयागराज राजमणि कोल, विधायक गरौठा झाँसी जवाहर राजपूत, चेयरमैन / हेड, इंडोक्रीनोलोजी एंड डाईबिटोलोजी, मैक्स हेल्थकेयर, डॉ. अम्बरीश मित्तल, हेड, न्यूट्रीशियन व स्कूल फीडिंग यूनिट, वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम , डॉ. शारिका यूनुस खान, ग्रुप चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर, यूके – इंडिया बिसनेस कौंसिल, जयंत कृष्णा, पूर्व मुख्य सचिव, उ०प्र० सरकार, आलोक रंजन, तकनीकी विशेषज्ञ संजीव कुमार और ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट निधि दुबे ने प्रतिभाग किया ।

माइक्रोन्यूट्रीएंट यानि कि आवश्यक विटामिन और खनिज जैसे आयरन, जिंक, विटामिन ए,विटामिन डी, आदि सूक्ष्म पोषक तत्वों की शरीर को बहुत कम मात्रा में ज़रुरत होती हैं मगर, ये काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और शरीर में इनकी कमी से शरीर पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं | ये तत्व, विशेष रूप से युवा महिलाओं, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और बच्चों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। महिलाओं को अपनी दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पुरुषों की तुलना में कम कैलोरी की आवश्यकता हो सकती है मगर आवश्यक विटामिन और खनिज, उनके शरीर के लिए बहुत ज़रूरी होते हैं ।

अगर माँ ने गर्भावस्था के दौरान, सही पोषण लिया है तो उनके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी बेहतर पोषण मिलता है | इसीलिए अगर हमें कुपोषण के चक्र को तोड़ना है तो यह सुनिश्चित करना होगा कि महिलाओं को किशोरावस्था से लेकर माँ बनने तक की प्रक्रिया में बल्कि उसके बाद भी सही और सम्पूर्ण पोषण मिले ।

पोषण अभियान के उद्देश्यों को ध्यान रखते हुए , उत्तर प्रदेश में पोषण परिणामों में सुधार लाने के लिए फूड फोर्टिफिकेशन को बढ़ावा देने हेतु ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज द्वारा प्रदेश के
नीति-निर्माताओं और तकनीकी विशेषज्ञों के साथ आयोजित इस वर्चुअल बैठक में जन- प्रतिनिधियों और तकनीकी विशेषज्ञों ने गहन चर्चा की ।

सांसद खीरी, अजय मिश्र, विधायक सदर लखीमपुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुपोषण मुक्त भारत के सपने को साकार करने के लिए ही पूरे देश में पोषण अभियान शुरू किया है कुपोषण को समाप्त करने के लिए हर स्तर से प्रयास हो रहें हैं मगर यह तभी संभव है जब हम सब मिलकर, प्रधानमंत्री की सोच के अनुसार इस पोषण अभियान को एक जन-आन्दोलन का रूप दें, एक जन-भागेदारी बनें, तभी हम कुपोषण मुक्त भारत के मार्ग पर बढ़ेंगे । इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पूरे प्रदेश के जन-प्रतनिधि, स्वयं के क्षेत्र की पोषण सम्बंधित चुनौतियों को चिन्हित करें और उसके बाद
एक रणनीति बनाकर उस पर कार्य किया जाये । सांसद, प्रयागराज, प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी ने बताया कि आशा, आंगनवाडी और ए.एन.एम घर-घर जाकर लोगों को स्वास्थ्य और पोषण सुविधाएँ प्रदान कर रही हैं ।

उन्होंने, यह भी अनुरोध किया कि प्रधानमंत्री की पोषण अभियान से सम्बंधित प्रतिबद्धता से प्रेरित होकर, प्रत्येक जन-प्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र में पोषण अभियान का आयोजन करें । उन्होंने यह भी बताया कि माँ-बच्चे के लिए शुरू के 1000 दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं । इन दिनों में सही और संतुलित पोषण मिलने से माँ और बच्चा स्वस्थ रहते हैं | प्रोफेसर जोशी ने सुझाव दिया कि क्षेत्र के स्थानीय ग़ैर सरकारी संगठनों के साथ समन्वय द्वारा, पोषण से सम्बंधित कार्यक्रमों को बहुत गति मिल सकती है | चेयरमैन / हेड, इंडोक्रीनोलोजी एंड डाईबिटोलोजी, मैक्स हेल्थकेयर, डॉ. अम्बरीश मित्तल
ने चर्चा के दौरान फ़ूड फोर्टिफिकेशन के महत्व को स्पष्ट किया | उन्होंने कहा कि माइक्रोन्यूट्रीएंट यानि कि आवश्यक विटामिन और खनिज जैसे आयरन, जिंक, विटामिन ए, विटामिन डी, आदि की आवश्यकता शहरी और ग्रामीण सभी लोगों को है | हेड, न्यूट्रीशियन व स्कूल फीडिंग यूनिट, वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम , डॉ. शारिका यूनुस खान ने अपने संबोधन में महत्वपूर्ण बिंदु को इंगित करते हुए कहा कि देश और प्रदेश को कुपोषण मुक्त करने के लिए वर्तमान में स्वास्थ्य और पोषण से सम्बन्धित पायलट कार्यक्रम से अधिक, कार्यक्रमों को पूर्ण रूप से लागू करने की आवश्यकता है | चर्चा के बढ़ते क्रम में, तकनीकी विशेषज्ञ संजीव कुमार ने सुझाव दिया कि भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार में प्रदेश स्तर पर फ़ूड फोर्टिफिकेशन की नीतियों का सुचारू रूप से पालन किया जाये |

ग्रुप चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर, यूके – इंडिया बिसनेस कौंसिल, जयंत कृष्णा ने बताया कि भारत की स्वास्थ्य इंडेक्स में, विश्व में 129वीं रैंक है | इसे सुधारने के लिए, स्वास्थ्य और पोषण से सम्बंधित गतिविधियों में, रणनीतियों के साथ बहुत तेज़ी लाने की आवश्यकता है | अंत में ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजी की सीनियर वाईस प्रेसिडेंट निधि दुबे ने कहा कि सितम्बर से पोषण माह शुरू हो रहा है | इस माह से सामूहिक प्रयास द्वारा जन-आन्दोलन की शुरुआत हो सकती है | उपरोक्त बैठक का संचालन पूर्व मुख्य सचिव, उ०प्र० सरकार, आलोक रंजन ने किया |