- जिला अस्पताल में 10 महीने में किए हैं 350 से अधिक ऑपरेशन
- ओपीडी में ही कर देते हैं छोटे ऑपरेशन और टूटे हुए हाथ का प्लास्टर
संतकबीरनगर - जिले में हड्डियों की जटिल सर्जरी कर डॉ सोहन स्वरुप शर्मा समुदाय के मददगार बन रहे हैं। किसी मरीज की हड्डी चाहे खण्ड खण्ड में विभक्त हो गयी हो या हड्डियों का चूरा ही क्यों न बन गया हो, अगर मरीज जिला अस्पताल में पहुंच गया तो उसे जिला अस्पताल से रेफर करना उनकी आदत फितरत नहीं है। अस्पताल की आपातकालीन इकाई में उन्होने कह रखा है कि कोई भी हड्डी का मरीज आए तो उसे रेफर न करें, बल्कि उन्हें सूचित करें । वह तुरन्त वहां पहुंचकर उसका इलाज जरुर करेंगे। मरीजों को टेलीफोन पर परामर्श देने के साथ ही साथ उन्हें मानसिक तौर पर संबल भी देते हैं। जिसका नतीजा यह है कि उनकी ओपीडी में मरीजों की भीड़ लगी रहती है।
आर्थो सर्जन डॉ सोहन स्वरुप शर्मा ने अल्प समय में ही जिला अस्पताल में आर्थो सर्जरी में एक नया मुकाम बनाया है। मरीजों की हर समस्या का निदान उनके पास रहता है। जिला अस्पताल के ही आपरेशन थियेटर में डॉ सोहन ने जटिल से जटिल आपरेशन किए हैं। उन्होने अभी तक 78 मेजर आपरेशन के साथ ही 300 से अधिक हड्डी के छोटे आपरेशन किए हैं। यही नहीं वह प्रतिदिन ओपीडी में 70 से 100 मरीजों की समस्याओं का निदान करते हैं। जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ. ओ. पी. चतुर्वेदी का कहना है कि डॉ सोहन बहुत ही योग्य और परिश्रमी आर्थो सर्जन हैं। उनकी योग्यता को देखते हुए ही उन्हें सितम्बर 2021 में जिला चिकित्सालय में बुलाया गया। वह बेहतर कार्य से मरीजों के बीच में काफी लोकप्रिय हैं।
इन विधाओं में है महारथ : हड्डियों में होने वाला असामान्य विकार, कूल्हा प्रत्यारोपण, घुटना प्रत्यारोपण, सम्पूर्ण कूल्हा प्रत्यारोपण, रीढ़ की हड्डी के विकार, अंगूठे, हाथ व अन्य स्थानों की चोट व मोच, हड्डियों का दर्द, सर्वाइकल, गठिया तथा अन्य विधाओं में उन्हें महारथ हासिल है।
मेरे लिए फरिश्ते से कम नहीं डॉ सोहन : फीमर की हड्डी के ऑपरेशन की लाभार्थी तस्वीरजहां (19) कहती हैं कि भारी पीड़ा के बीच उन्हें रेफर किया गया था और उन्होंने चिकित्सकों को आपस में यह कहते सुना कि हड्डी बुरी तरह से टूटी हुई है और पैर भी काटना पड़ सकता है। उनकी हड्डी मेडिकल कालेज गोरखपुर या लखनऊ में ही सही हो सकती है। इन सब बातों के बीच जब वह जिला अस्पताल में पहुंची तो भय से टूट चुकी थी। इसके बाद डॉ सोहन आए और एक्स-रे देखकर उन्हें विश्वास दिलाया कि उनकी हड्डी पूरी तरह से जुट जाएगी। बाहर कहीं नहीं जाना पड़ेगा और न ही पैर काटना पड़ेगा। वह कहती हैं, ‘‘मेरा परिवार बाहर अस्पताल में इतना महंगा आपरेशन कराने की स्थिति में नहीं था, लेकिन यहीं पर मेरा आपरेशन हो गया और अब मैं अच्छा महसूस कर रही हूं। वह मेरे लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं।‘’
डॉ सोहन स्वरुप शर्मा का कहना है कि निष्ठा के साथ दायित्व का निर्वहन उनकी पहली प्राथमिकता है। आर्थो सर्जरी का अध्ययन करने के बाद जो भी कुछ सीखने को मिला वह यहां की जनता को सेवा के रुप में समर्पित करना ही उद्देश्य है। हड्डी से सम्बन्धित कोई भी केस अगर जिला अस्पताल में आया और उनकी जानकारी में है तो किसी हायर सेंटर को रेफर नहीं किया, जटिल से जटिल हड्डी के आपरेशन इसी जिला चिकित्सालय के आपरेशन थियेटर में किया और उसमें सफलता भी मिली। पीडि़त मानवता की सेवा ही हमारा ध्येय है।
साल भर से बेड पर पड़ राजकुमार को मिली नयी जिन्दगी : जिले के हैसर निवासी राजकुमार (22) का कूल्हा दुर्घटना में टूट गया था। वह हिमांचल प्रदेश में काम करते थे । वहां पर लोगों ने उन्हें चिकित्सकों को दिखाया लेकिन उसकी हालत बिगड़ती गयी और उन्होंने चारपाई पकड़ ली। इसके बाद उसके परिजन हिमांचल प्रदेश से लेकर घर आए। वहां से आने के बाद उनके परिचित राजन ने डॉ सोहन से कूल्हा प्रत्यारोपण के लिए मुलाकात की। जनवरी में कूल्हे का आपरेशन कराया गया। आज वह स्वस्थ हैं तथा पूरी तरह से सामान्य वह हैसर बाजार में ही एक मेडिकल स्टोर की दुकान पर काम कर रहे हैं।