टीकाकरण का ग्राफ बढ़ाएं, समुदाय को योजनाओं से जोड़ें



  • जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में सीडीओ ने दिए दिशा-निर्देश
  • विभिन्न विभाग समन्वय स्थापित कर राष्ट्रीय कार्यक्रमों व अभियानों को सफल बनाएं

गोरखपुर - मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) संजय कुमार मीणा की अध्यक्षता में शनिवार की शाम को हुई जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में नियमित और कोविड टीकाकरण का ग्राफ बढ़ाने पर चर्चा हुई। सीडीओ ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि हर सरकारी योजना से समुदाय को जोड़ा जाए। राष्ट्रीय कार्यक्रमों और अभियानों को सफल बनाने के लिए अन्य सभी संबंधित विभाग समन्वय स्थापित करें। छाया ग्राम, स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस (छाया वीएचएसएनडी) को मजबूती प्रदान की जाए । परिवार नियोजन कार्यक्रमों की सफलता सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किये जाएं। बैठक में आयुष्मान भारत योजना, संस्थागत प्रसव, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य, राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम समेत विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा की गयी और चुनौतियों एवं गैप्स को योजनाबद्ध ढंग से दूर करने का दिशा-निर्देश दिया गया ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि सीडीओ ने शत प्रतिशत नियमित टीकाकरण और संस्थागत प्रसव सुनिश्चित कराने को कहा है। समुदाय तक यह संदेश पहुंचाया जाएगा कि नियमित टीकाकरण बारह प्रकार की बीमारियों से बचाव करता है और सरकारी अस्पतालों पर उपलब्ध निःशुल्क टीका सुरक्षित एवं असरदार है। गर्भवती को प्रेरित करना है कि वह अस्पताल में ही प्रसव कराएं और प्रसव के पूर्व सभी आवश्यक जांचे आशा कार्यकर्ता की मदद से अवश्य कराएं। अस्पताल आने के लिए 102 नंबर एंबुलेंस की निःशुल्क सेवा का इस्तेमाल करें। बच्चे के जन्म के घंटे भर के भीतर मां का दूध पिलाने और छह माह तक सिर्फ स्तनपान और उसके बाद दो वर्ष की आयु तक स्तनपान के साथ बच्चे के लिए पूरक आहार का भी संदेश देना है ।

डॉ दूबे ने बताया कि बारह से चौदह वर्ष आयु वर्ग में कोविड टीकाकरण का प्रतिशत बढ़ाने और साथ ही 30 सितम्बर तक अठारह से 59 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों को शत प्रतिशत निःशुल्क एहतियाती कोविड का टीका लगाने को कहा गया है । बच्चों के टीकाकरण में द्वितीय डोज के संकेतांकों में सुधार के लिए कहा गया । बैठक के दौरान मंकी पॉक्स के बारे में तैयारियों की भी समीक्षा की गयी और कहा गया कि अगर किसी के भी क्षेत्र में बाहर से आने वाले लोगों में लक्षण दिखें तो आइसोलेट करते हुए तुरंत जिला सर्विलांस यूनिट को सूचना दें। बैठक में विभिन्न प्रकार के वित्तीय और कार्यक्रम संबंधित प्रस्ताव पास किये गये। बैठक में उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू), यूनिसेफ और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के प्रतिनिधियों ने भी प्रस्तुति के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा सुदृढ़ीकरण संबंधित सुझाव भी दिये ।

इस अवसर पर जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ जेएसपी सिंह, महिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ एनके श्रीवास्तव, जिला विद्यालय निरीक्षक ज्ञानेंद्र सिंह भदौरिया, एसीएमओ आरसीएच डॉ नंद कुमार, जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ अंबुज श्रीवास्तव, जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ एके चौधरी, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा, प्रभारी जिला क्षय रोग अधिकारी एवं कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ गणेश प्रसाद यादव, जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह, डीएचईआईओ केएन बरनवाल, डीडीएचईआईओ सुनीता पटेल, डीपीएम पंकज आनंद, डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय, एनयूएचएम समन्वयक सुरेश सिंह चौहान, डीडीएम पवन कुमार गुप्ता, डैम पवन कुमार, आयुष्मान भारत योजना की डीपीसी डॉ संचिता मल्ल, मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता सूर्य प्रकाश, आरबीएसके योजना की डीईआईसी मैनेजर डॉ अर्चना, जेई एईएस कंसल्टेंट सिद्धेश्वरी सिंह, पीसीपीएनडीटी समन्वयक मृत्युंजय, यूनिसेफ संस्था से बृजेंद्र चौबे, डॉ हसन फहीम, नीलम यादव, यूएनडीपी संस्था के प्रतिनिधि पवन कुमार सिंह समेत विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि व अन्य सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।