- मुख व दन्त रोगियों की स्क्रीनिंग के लिए अभियान आज से
- जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर पर ओरल हेल्थ कार्यक्रम के तहत किया जायेगा इलाज
- मुख की बीमारी से ग्रसित मिलने वालों का कराएंगे समुचित उपचार
कानपुर - हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात किए गए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) अब मुख की बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे। साथ ही यह सुनिश्चित करेंगे कि लोग मुख के कैंसर की चपेट में न आएं, जिसके लिए वह लोगों को नशे से दूर रहने के लिए जागरूक करेंगे। मुख की बीमारियों के मरीजों को कैसे चिन्हित किया जाए, इसके लिए जिले के हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर केन्द्रों पर तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) और पीएचसी पर तैनात मेडिकल आफीसर को सोमवार और शनिवार को दो - दो के बैच में प्रशिक्षण मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में दिया गया l
डीसीपीएम योगेंदर पाल ने बताया कि 10 अगस्त से ओरल हेल्थ कार्यक्रम के तहत मुख व दंत रोग स्क्रीनिंग अभियान शुरू होगा। इस अभियान में 30 साल की उम्र पार कर चुकी कुल आबादी के 37 प्रतिशत लोगों की मुख एवं दंत की स्क्रीनिंग की जाएगी ताकि समय रहते बीमारियों से ग्रसित होने वालों को उपचार और सही परामर्श मिल सके। जनपद के सभी सीएचओ को दो बैचों में ओरल हेल्थ के विषय में प्रशिक्षित किया गया ताकि मुख से संबंधित बीमारियों का समय रहते पता चल सके और उनका सही तरीके से निदान हो। ट्रेनिंग उपरांत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी अपने सेंटर पर पहुंचकर वहां आने वाले मुख एवं दांत के मरीजों का उचित उपचार, बीमारियों पहचान कर जागरूक कर एवं आवश्यकता होने पर अन्य संस्थाओं पर रेफर कर सकेंगे।
प्रशिक्षण में दंत रोग सर्जन डॉ.रश्मि सिंह और डॉ सचिन श्रीवास्तव ने ओरल हेल्थ के विषय में सीएचओ को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अगर कोई केस गांव स्तर पर मिलता है तो उसे चिन्हित कर पीएचसी/सीएचसी स्तर पर सूचित करें।मुख एवं दांतों की स्वच्छता तथा स्वास्थ्य के बारे में प्रशिक्षण देते हुए बताया कि दांतों को स्वच्छ एवं स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक भोजन जैसे कि दही, दालें, फल, हरी सब्जियों का अत्यधिक प्रयोग करें। दांतों पर चिपकने वाली चीजें टाफी, चाकलेट, मिठाई का सेवन न करें। रेशे युक्त पदार्थों का सेवन करें। किसी भी प्रकार की दांतों की समस्या होने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में दंत चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें।
मुख और दंत रोगों के लक्षण : धूम्रपान, खराब ब्रश करने की आदतें, डायबिटीज, दवाओं के उपयोग से मुंह में लार की मात्रा का कम हो जाना, मुंह में छाले या घाव, ब्रश करने या फ्लॉसिंग के बाद मसूड़ों से खून आना या सूजन होना, मुंह से दुर्गंध, गर्म और ठंडे तापमान या पेय पदार्थों के लिए अचानक संवेदनशीलता, मसूड़ों में कमी, चबाने या काटने के साथ दर्दगाल और चेहरे में सूजन, जबड़े में दर्द, टूटे हुए दांत, ड्राई माउथ की परेशानी।