- ‘घर आई नन्ही परी फाउंडेशन’ की पहल पर परिचर्चा आयोजित
- बालिका बनेगी मजबूत तो देश बनेगा सशक्त : डॉ. हीरा लाल
- एक नहीं दो परिवार को आगे बढ़ाती हैं महिलाएं : डॉ. अवनीश
बाराबंकी । आजादी के अमृत महोत्सव के तहत बुधवार को विकासखंड देवा के सभागार में ‘घर आई नन्ही परी फाउंडेशन’ के तत्वावधान में बालिकाओं की सुरक्षा और सम्मान पर परिचर्चा आयोजित हुई। इस मौके पर हर बालिका के जन्म को उत्सव के रूप में मनाने और उनकी शिक्षा का पूरा ख्याल रखने पर चर्चा हुई।
इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि घर आई नन्ही परी फाउंडेशन के संस्थापक व मुख्य सलाहकार सेवानिवृत्त आईएएस (गुजरात के पूर्व गृह सचिव) डॉ. एस. के. नंदा ने कहा कि समाज तभी पूरी तरक्की कर सकता है जब बालिकाओं और महिलाओं को शिक्षा, सुरक्षा, सम्मान मिले और उनको स्वावलम्बी बनाया जाए। इसी पहल को आगे बढ़ाने में घर आई नन्ही परी फाउंडेशन जुटा है। इसकी शुरुआत गुजरात राज्य से की गयी थी, जिसके तहत अब बालिका के जन्म पर घर में धूमधाम से उत्सव मनाया जाता है। उनकी शिक्षा और सुरक्षा का संकल्प लिया जाता है। गुजरात के पुंसारी में महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिए दूध निकालने की मशीन प्रदान की गयी है ताकि वह दुधारू पशुओं से आसानी से दूध निकालकर उसकी बिक्री कर आर्थिक रूप से मजबूत बन सकें। इसके साथ ही अब फाउंडेशन का पूरा फोकस उत्तर प्रदेश पर है। इसके तहत प्रदेश के 20 जिलों में कार्यक्रम को संचालित किया जा रहा है और अब तक करीब 600 बच्चियों के जन्म को उत्सव के रूप में मनाने के लिए लोगों को प्रेरित किया गया है। फाउंडेशन अपनी इस यात्रा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में माता-पिता को प्रोत्साहित करने का काम कर रहा है ।
इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन- उत्तर प्रदेश के अपर मिशन निदेशक डॉ. हीरा लाल ने कहा कि देश को सशक्त बनाना है तो पहले बालिकाओं को मजबूत बनाना होगा। बालिका जन्म को उत्सव के रूप में मनाने की शुरुआत अगर हमारे हर गाँव और हर घर शुरू कर दें तो समाज में बदलाव की क्रांति आ सकती है। इसके साथ ही मॉडल गाँव की बुनियाद भी मजबूत हो सकेगी।
इस अवसर पर विधान परिषद सदस्य व अध्यक्ष क्रीड़ा भारती - उत्तर प्रदेश इंजी. अवनीश कुमार सिंह ने कहा कि बालिकाओं को इसलिए भी मजबूत और सशक्त बनाना है क्योंकि वह आगे चलकर माँ बनेंगी। इस तरह वह माता-पिता का नाम रोशन करने के साथ ही देश के लिए होनहार बच्चों की परवरिश करने वाली माँ भी साबित होंगी, इस तरह वह एक नहीं बल्कि दो-दो परिवारों की तरक्की का जरिया बन सकती हैं ।
कार्यक्रम को जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत ने भी संबोधित किया। उन्होंने बालिकाओं और महिलाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष बल दिया। घर आई नन्ही परी फाउंडेशन की सलाहकार ईभा सिंह ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर बल दिया। उपायुक्त स्वतः रोजगार बी. के. मोहन ने महिलाओं की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा ही तरक्की का रास्ता दिखाता है। इसलिए बालिकाओं के जन्म को उत्सव के रूप में मनाएं और उनकी तरक्की का मार्ग सरल बनाने का हरसम्भव प्रयास करें। कार्यक्रम में फतेहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. अवनीश चौधरी, सत्यम सिंह कनौजिया, अरविंद वर्मा, ग्रो फ़ार्म के सीईओ राहुल वर्मा, खंड विकास अधिकारी पूजा पाण्डेय और जिले के 30 ग्राम प्रधान उपस्थित रहे।