टोमैटो फ्लू से रहें सावधान, दिखें लक्षण तो तुरन्‍त ही दें जानकारी



  • बच्‍चों में है टोमेटो फ्लू का अधिक खतरा वयस्‍कों में भी फैल सकता है संक्रमण
  • किसी के अन्‍दर दिखे लक्षण तो चिकित्सक को दिखाएं

संतकबीरनगर - मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कुमार सिंह ने बताया कि टोमेटो फ्लू एक वायरल इंफेक्शन है, जो ज्यादातर 5 साल से कम उम्र के बच्चे को प्रभावित कर रहा है। इस वायरल इंफेक्शन का नाम टोमैटो फ्लू इसलिए रखा गया है क्योंकि टोमैटो फ्लू से संक्रमित होने पर बच्चों के शरीर पर टमाटर की तरह से लाल रंग के दानें हो जाते हैं और इसकी वजह से उन्हें स्किन पर जलन और खुजली होती है। इसके अलावा इस बीमारी से संक्रमित होने पर रोगी बच्चे को तेज बुखार भी आता है। किसी के अन्‍दर भी अगर इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो वह तुरन्‍त ही स्‍थानीय स्‍वास्‍थ्‍य इकाई को जानकारी दें। स्‍वास्‍थ्‍य इकाई के लोग जिला सर्विलांस अधिकारी को इस बात की जानकारी दें ताकि एहतियाती इंतजाम किए जा सकें।

विभिन्‍न प्रदेशों में टोमैटो फ्लू के मामले मिलने के बाद प्रदेश सरकार के द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देश के क्रम में सीएमओ ने यह बातें कहीं। उन्‍होने बताया कि टोमैटो फ्लू से संक्रमित होने वाले बच्चों को डिहाइड्रेशन की समस्या के साथ-साथ शरीर और जोड़ों में दर्द भी गंभीर रू-प से होता है। भारत सरकार द्वारा विगत 17 अगस्‍त को दी गयी रिपोर्ट के अ‍नुसार ‘‘ बच्चों को टोमेटो फ्लू होने का अधिक खतरा है, क्योंकि इस आयु वर्ग में वायरल संक्रमण सामान्य बात है और करीबी संपर्क से यह फैल सकता है। छोटे बच्चों को नैपकीन के इस्तेमाल, गंदी सतहों को छूने और चीजें सीधे मुंह में डालने से भी संक्रमण का खतरा है, अगर बच्चों में टोमेटो फ्लू के प्रकोप को नियंत्रित नहीं किया जाता तो वयस्कों में भी संक्रमण फैल सकता है और गंभीर परिणाम आ सकते हैं। खलीलाबाद सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र की आशा संगिनी सरोज यादव ने बताया कि कलस्‍टर मीटिंग के दौरान सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र खलीलाबाद में इस बीमारी के बारे में जागरुक किया गया।

सतर्कता के साथ प्रबन्‍धन जरुरी – डॉ मौर्या

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ आर पी मौर्या ने बताया कि इस बीमारी में शरीर पर लाल रंग के छाले या फफोले हो जाते हैं जिनमें दर्द होता है, इसलिए इसे टोमेटो फ्लू कहा गया | अध्ययन के अनुसार यूं तो यह बीमारी जानलेवा नहीं है, लेकिन कोविड-19 महामारी के खतरनाक अनुभव को देखते हुए इसे रोकने के लिए सतर्कता के साथ प्रबंधन जरूरी है। इस वायरस में कोविड की तरह ही बुखार, थकान, शरीर में दर्द और चकत्ते जैसे लक्षण भी सामने आ सकते हैं।

यह हैं टोमैटो वायरस के लक्षण : एपीडेमियोलाजिस्‍ट ( जिला महामारी रोग विशेषज्ञ ) डॉ मुबारक अली ने बताया कि इसके मुख्य लक्षणों में निर्जलीकरण ( डिहाइड्रेशन ) रैसेज, त्‍वचा में तनाव या खुजली शामिल हैं। इस वायरस से पीड़ित बच्चे के शरीर पर टमाटर जैसे चकत्ते और दाने, तेज बुखार, शरीर और जोड़ों में दर्द, जोड़ों में सूजन, पेट में ऐंठन और दर्द, जी मिचलाना, उल्टी और दस्त, खांसी, छींक और नाक बहना, हाथ के रंग में बदलाव, मुंह सूखना, डिहाइड्रेशन, अत्यधिक थकान त्‍वचा में जलन जैसे लक्षण दिखते हैं ।

फ्लू की तरह ही होता है इलाज : यह एक प्रकार का दुर्लभ फ्लू है इसलिए इससे संक्रमित बच्चों का इलाज भी फ्लू की तरह से किया जा रहा है। कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें । संक्रमित बच्चे को उबला हुआ साफ पानी पिलाएं, ताकि वह हाइड्रेटेड रह सके। फफोले या रैशेज पर खुजली करने से बच्चे को रोकें। घर और बच्चे के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें। गर्म पानी से नहाएं। संक्रमित बच्चे से दूरी बनाकर रखें। पोषण युक्‍त भोजन का सेवन करें।