लखनऊ(डेस्क) - उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्राम सभा की भूमिका को सशक्त बनाने की पहल की है। इसके तहत महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के डेढ़ दर्जन कार्यों को अब ग्राम सचिवालय से करने फैसला लिया है। इससे ग्राम पंचायतें सशक्त होंगी।
मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर पंचायती राज और ग्राम विकास विभाग ने क्रियान्वयन करना शुरू कर दिया है। इस क्रम में अब ग्राम पंचायत की ओर से एमआईएस पर वर्क आईडी जेनरेट करने से लेकर अकुशल मजदूरों की मजदूरी, स्किल्ड और सेमी स्किल्ड की मजदूरी, मटैरियल और एडमिन लिस्ट भुगतान ग्राम पंचायत स्तर से किए जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी की इस फैसले से मनरेगा के 77 लाख से ज्यादा श्रमिक परिवारों को लाभ होगा और उन्हें अपनी मजदूरी के लिए ब्लॉक के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। मुख्यमंत्री योगी के निर्देशों के क्रम में ब्लॉक से होने वाले मनरेगा श्रमिकों के कई कार्यों को विकेन्द्रीकृत कर ग्राम पंचायत स्तर पर स्थानांतरित कर दिया गया है।
ग्राम पंचायत स्तर पर श्रमिकों से जुड़े कार्यों के लिए मांग को प्राप्त कर एमआईएस पर रजिस्टर्ड किया जाएगा। स्वीकृत कार्य योजना में से वर्क आईडी जनरेट कर कार्य का स्टीमेट तैयार किया जाएगा और तकनीकी, वित्तीय स्वीकृति प्राप्त की जाएगी। इसके अलावा कार्य की जियो टैगिंग, श्रमिकों को मांग के सापेक्ष ससमय कार्य का आवंटन भी किया जाएगा। ई-मस्टर रोल जारी और निकाला भी जाएगा।