लखनऊ, 24 सितम्बर - एचआईवी संक्रमित महिलाएं भी मां बन सकती हैं और गर्भस्थ शिशु को संक्रमण से बचाया भी जा सकता है | यह बातें उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. ए.पी.सिंह ने वृहस्पतिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में प्लान इंडिया, ममता हेल्थ इंस्टीट्यूट फॉर मदर एंड चाइल्ड व “गिव इंडिया” के सुरक्षा प्रोजेक्ट के तहत आयोजित एचआईवी संक्रमित माताओं के राशन किट वितरण कार्यक्रम के दौरान कहीं |
इस अवसर पर प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अजय राजा ने कहा- स्वास्थ्य विभाग के प्रयास से जिले में कई एचआईवी संक्रमित महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया है। संक्रमित महिलाओं का सुरक्षित प्रसव होना इसलिए संभव हुआ क्योंकि सभी गर्भवती ने बच्चे के जन्म से पहले अपना एचआईवी टेस्ट कराया था। एचआईवी टेस्ट में पॉजिटिव रिपोर्ट आते ही पीड़ित गर्भवती का इलाज शुरू कर दिया गया। इस इलाज से गर्भ में पल रहे बच्चे पर बीमारी का असर नहीं पड़ा।
ममता संस्था के कार्यक्रम अधिकारी अदब हुसैन ने कहा - एड्स जैसी गम्भीर बीमारी से बचाव केवल जागरूकता ही है। इसके लिए जरूरी है कि हम शारीरिक संबंध बनाते व खून देते व लेते समय विशेष सावधानी बरतें। उन्होने बताया कि एचाआईवी संक्रमित व्यक्तियों से भेदभाव करना अपराध है। यह बीमारी छूने से नहीं फैलती इसलिए हमें इस तरह के लोगों से सामान्य व्यवहार करना चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान 11 एचआईवी संक्रमित महिलाओं को संस्था के द्वारा राशन किट एवं सुरक्षा किट दी गयी । राशन किट में पांच किलो चावल, 15 किलो आटा, तीन किलो दाल, दो किलो तेल, दो किलो नमक, दो किलो चीनी, दो पैकेट बिस्कुट, चायपत्ती, माचिस तथा सुरक्षा किट में पांच मास्क, दो हैंडवाश, एक पैकेट सेनेटरी पैड व तीन पैकेट कण्डोम शामिल रहा । इन महिलाओं का संस्थागत प्रसव अक्टूबर 2019 से अगस्त 2020 के बीच सरकारी अस्पतालों में करवाया गया। इस अवसर पर ममता संस्था के फील्ड अधिकारी आर्या अग्रवाल मौजूद रहे।