लखनऊ, 16 अक्टूबर 2020 - “ जब मेरी कोरोना की जांच हुई तो कोई लक्षण नहीं थे लेकिन रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद गले में दर्द, हल्का बुखार आना शुरू हुआ और 4 -5 दिन बाद ही सूंघने और स्वाद की क्षमता चली गयी | यह मेरे लिए मानसिक तौर पर बहुत कष्टदायी था क्योंकि मेरा चार साल का बेटा है जो मुझसे अलग नहीं रह सकता था और साथ ही मेरे ससुर लिवर सिरोसिस से पीड़ित हैं | ऐसे में यह बात परेशान कर रही थी कि कहीं वह लोग भी कोरोना की चपेट में न आ जाएँ | ऐसी परिस्थितियों में पूरी तरह से सावधानी बरतकर सकुशल कोरोना मुक्त हुई और परिवार का अन्य कोई सदस्य भी कोरोना की चपेट में नहीं आने पाया” - यह कहना है गोमती नगर निवासी 30 वर्षीय लकी शर्मा का |
लकी कहती हैं – कोरोना जहां आपको शारीरिक रूप से कमजोर करता है वहीँ यह मानसिक तौर पर भी कष्ट देता है | 22 दिनों तक अपनों से अलग अकेले कमरे में रहना पीड़ादायक होता है | आप केवल फोन के माध्यम से ही अपनों से बात कर सकते हैं | ऐसे में मानसिक तौर पर मजबूत रहना बहुत जरूरी होता है | मैंने अपने आप को मानसिक रूप से तैयार किया क्योंकि मेरा अलग कमरे में रहना मेरे लिए, मेरे बच्चे तथा परिवार के लिए भी अच्छा होगा | अब मैं पूरी तरह से ठीक हो गयी हूँ और दो रिपोर्ट निगेटिव भी आ गयी हैं |
लकी बताती हैं – मैं 22 दिन होम आइसोलेशन में रही | मैनें अपना इलाज मेदांता अस्पताल में करवाया लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने भी हमारा पूरा सहयोग किया | मैं आइसोलेशन के दौरान गुनगुने पानी का सेवन करती थी, गुनगुने पानी से गरारा करती थी और भाप भी लेती थी | साथ ही मैनें समय पर दवाएं लीं, होम आइसोलेशन के प्रोटोकॉल का पालन किया और पौष्टिक आहार का सेवन किया |
लकी के अनुसार -मुझे एक व्हाट्स एप ग्रुप से जोड़ा गया जिसमें दो चिकित्सक और अन्य कोरोना उपचाराधीन भी थे और इस एप में हमारी सभी समस्याओं और सवालों का जवाब डाक्टर एक घंटे के अन्दर ही दे देते थे | साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुझे एक सरकारी डाक्टर का मोबाइल नम्बर भी दिया गया | मैं उनसे 24 घंटे में किसी भी समय कोई भी समस्या होने पर कॉल कर सकती थी | इसके अलावा समय- समय पर स्वास्थ्य विभाग से चिकित्सकों का भी फोन आता था जिसमें वह मेरे स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेते थे |
लकी कहती हैं – जागरूकता ही कोरोना से बचाव है | आप कोरोना को छिपाएं नहीं और न ही इससे डरें | इसकी समय पर जांच कराएँ ताकि आप और आपका परिवार सुरक्षित रहे | यह समय ऐसा है जिसमें अपनों का मानसिक रूप से सहयोग बहुत जरूरी है | अपनों का संबल बने | हम कोरोना से अवश्य ही जीत हासिल करेंगे |