- पूजा पंडालों व मंदिरों में कोविड-19 के प्रोटोकाल का हो पूर्ण पालन
- संभव हो तो इस बार घर पर ही अपनों के साथ करें हवन-पूजन
- बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती से समारोहों में न शामिल होने की अपील
लखनऊ, 20 अक्टूबर 2020 - कोविड-19 अभी ख़त्म नहीं हुआ है, इसलिए हमें अभी सारे प्रोटोकाल का पालन करते हुए ही किसी भी तरह के समारोह में शामिल होना चाहिए । नवरात्र में मंदिरों और पूजा पंडालों में इस पर बहुत ही ध्यान देने की जरूरत है । इसके अलावा अब शादी के भी मुहूर्त शुरू हो जायेंगे तो मांगलिक कार्यक्रमों में शामिल होने से पहले अपनी सेहत को जरूर जाँच-परख लें क्योंकि यदि किसी तरह की खांसी, बुखार या सांस लेने में दिक्कत है तो ऐसे समारोह में न शामिल हों, यह आपके साथ दूसरों की भलाई के लिए भी जरूरी है ।
यह कहना है कोविड से बचाव के बारे में लोगों को जागरूक करने में जुटे 72 वर्षीय कर्नल (सेवानिवृत्त) आदि शंकर मिश्र का । रायबरेली रोड स्थित सैनिक नगर कालोनी में रहने वाले श्री मिश्र सबसे पहले अपनी कालोनी के ही दो मंदिरों में पूजा-पाठ के दौरान पूरे पोटोकाल का पालन सुनिश्चित कराने की बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं । इसके अलावा कालोनी के व्हाट्सएप ग्रुप पर मंदिर में हर दिन आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी देने के साथ ही बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती को घर में ही रहने की अपील भी की जाती है । उनको यही सन्देश दिया जाता है कि- “ घर में रहिए-स्वस्थ रहिए” । उनका आयोजन स्थल पर होने वाले कार्यक्रमों से पहले और बाद में सेनेटाइजेशन पर पूरा जोर रहता है । वह जब भी जिससे भी मिलते हैं उससे यही कहते हैं कि “जब तक कोरोना की दवाई नहीं, तब तक कोई ढिलाई नहीं” और “कोरोना को हराना है-महामारी पर विजय पाना है” ।
श्री मिश्र की धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजकों से अपील है कि कार्यक्रम स्थल पर मास्क, सेनेटाइजर के साथ दो गज की दूरी के प्रोटोकाल का कड़ाई के साथ पालन कराया जाए ताकि उत्सव की गरिमा बनी रहने के साथ ही सभी को सुरक्षित भी बनाया जा सके । मूर्तियों और मंदिर के घंटों को छूने से बचना चाहिए । हाथ जोड़कर भी अपनी पूर्ण श्रद्धा देवी-देवताओं के प्रति व्यक्त की जा सकती है । इस तरह छोटे-छोटे उपाय अपनाकर हम उत्सव भी मना सकते हैं और बीमारियों से भी बचे रह सकते हैं ।
विभिन्न संगठनों से जुड़े श्री मिश्र इस समय लोगों को कोरोना के साथ मौसम में बदलाव के दौरान होने वाली बीमारियों से बचने की भी सलाह देना नहीं भूलते । उनका जोर रहता है कि संचारी रोगों को मात देना है तो अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाओ । यही ताकत बीमारियों को शरीर पर प्रभावी नहीं होने देती । इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए वह नियमित व्यायाम, योग, प्राणायाम के साथ खानपान पर भी खास ध्यान देने की सलाह देते हैं । उनका कहना है कि भारतीय खाने की थाली यानि दाल, हरी सब्जी, सलाद, रोटी, चावल और दही शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त होती है ।