डॉ. सूर्यकान्त ने बढ़ाया उत्तर प्रदेश का मान - रॉयल कालेज ऑफ़ फिजिशियन (ग्लासगो) की फेलोशिप से सम्मानित



लखनऊ, 27 अक्टूबर-2020 । किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने एक बार फिर विश्वविद्यालय के साथ प्रदेश और देश का मान बढ़ाया है । उन्हें रॉयल कालेज ऑफ़ फिजिशियन (ग्लासगो) के फेलो के रूप में चुना गया है, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है । रॉयल कालेज ऑफ़ फिजिशियन दुनिया भर में चिकित्सा के क्षेत्र में सुधार करने के लिए समर्पित संस्थान है । यह संस्थान शुरू से ही चिकित्सा के क्षेत्र में सुधार करने के लिए लगातार सक्रिय रहा है । अपने अब तक के इतिहास में संस्थान ने चिकित्सा और स्वास्थ्य सम्बन्धी विभिन्न मामलों में लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सलाह एवं सुझाव दिए हैं ।

श्वसन चिकित्सा के क्षेत्र में उनकी विशेषज्ञता व सार्वजानिक स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में ईमानदार प्रयासों का आकलन करने के बाद रॉयल कालेज ऑफ़ फिजिशियन, ग्लासगो द्वारा सम्मानित किया गया है । इसके माध्यम से वह अपने चिकित्सा विज्ञान क्षेत्र के ज्ञान को गरीब व कमजोर वर्ग के मरीजों के बीच सुलभ कराने के लिए इस संस्था के माध्यम से सदैव प्रयासरत रहेंगे । रॉयल कालेज ऑफ़ फिजिशियन फेलोशिप प्रदान करने के साथ ही इस संस्था की पॉलिसी में भी सक्रिय योगदान देने के लिए भी संस्थान ने उनको आमंत्रित किया है । विश्वविद्यालय के चिकित्सकों ने इस पर ख़ुशी जताते हुए इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया है ।

​डॉ. सूर्यकान्त को इसके पूर्व भी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फेलोशिप से सम्मानित किया जा चुका है, जैसे- अमेरिकन कालेज ऑफ़ चेस्ट फिजिशियन, इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ़ एनवायरमेंटल बोटनिस्ट, नेशनल एकेडमी ऑफ़ मेडिकल साइंसेज (इण्डिया) आदि । इसके अलावा करीब 125 पुरस्कारों से भी वह सम्मानित हो चुके हैं । इसमें उत्तर प्रदेश सरकार का विज्ञान क्षेत्र का सर्वोच्च राज्य पुरस्कार विज्ञान गौरव भी शामिल है । इसके साथ ही डॉ. सूर्यकान्त वर्तमान में इन्डियन कालेज ऑफ़ एलर्जी, अस्थमा और एप्लायड इम्युनोलॉजी के अध्यक्ष हैं । वह पूर्व में भी देश की दो प्रमुख चेस्ट संस्थाओं - नेशनल कालेज ऑफ़ चेस्ट फिजिशियंस (एनसीसीपी) व इन्डियन चेस्ट सोसायटी (आईसीएस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं । इसके साथ ही डॉ. सूर्यकान्त इन्डियन साइंस कांग्रेस के चिकित्सा विभाग के प्रभाग के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं । हाल ही में उन्हें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा एम्स पटना के इंस्टिट्यूट बोर्ड का सदस्य भी नामित किया गया है । ज्ञात हो कि डॉ. सूर्यकान्त का चिकित्सा, विज्ञान एवं अनुसन्धान और विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान है । उनके नाम 678 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक शोधपत्र और 16 चिकित्सा पुस्तकें हैं । इसके साथ ही उनके नाम दो अमेरिकी पेटेंट भी दर्ज हैं । वह 10 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं के सम्पादकीय बोर्ड के सदस्य और 20 पत्रिकाओं के समीक्षक हैं ।