लखनऊ 30 दिसंबर 2020 - यूपी नेचरोपैथी एंड योग टीचर्स एंड फिजिशियन एसोसिएशन, यूपी स्टेट आयुष मिशन तथा इंडियन योग एसोसिएशन(यूपी चैप्टर) के संयुक्त तत्वावधान में आज "ऑनलाइन योग के माध्यम से स्ट्रेस का प्रबंधन" विषयक 16वे सेमिनार का दो दिवसीय आयोजन किया गया।
डॉ धर्मसिंह सैनी माननीय राज्यमंत्री "स्वतंत्र प्रभार" आयुष विभाग सरकार द्वारा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस वेबिनार में बोलते हुए आयुष मंत्री ने कहा कि तनाव 21वी शताब्दी की एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या है, तनाव के कारण पारिवारिक विखंडन भी आज की महत्वपूर्ण समस्या है जिससे जीवन एवं समाज मे निराशा का भाव उत्पन्न होता है। आपसी सद्भाव एवं परिवार को टूटने से बचाने में योग की महत्वपूर्ण भूमिका है,सम्पूर्ण विश्व मे मानशिक स्वास्थ्य, प्रेम, भाईचारा, खुशहाल परिवार बनाने में योग एक सौगात है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ जयदीप आर्य अध्यक्ष हरियाणा योग परिषद ने कहा कि तनाव प्रबंधन में योग की महत्वपूर्ण भूमिका है एवं अधोमुखासन, उत्तानासन, तथा नाड़ी शोधन, भ्रामरी तथा ध्यान का अभ्यास उपयोगी है ।
कार्यक्रम के आयोजक डॉ अमरजीत यादव ने कहा कि मनुष्य का शरीर एक अद्भुत संरचना हैं इस शरीर की कार्यक्षमता को विकसित करने के लिए व्यक्ति का दबाव रहित- तनाव रहित होना आवश्यक है। स्ट्रेस एक ऐसी मानशिक व्याधि हैं जिससे ग्रषित हो जाने पर शरीर का स्वास्थ्य एवं इम्युनिटी कमजोर होने लगती है एवं स्ट्रेस से बचाव के लिए ताड़ासन, पादहस्तासन, शशांकासन, उत्तानपाद आसन तथा सात्विक भोजन के साथ प्राकृतिक जीवन शैली के साथ चन्द्रभेदी, नाड़ी शोधन, भ्रामरी, आदि का अभ्यास तनाव प्रबंधन में उपयोगी साबित होता है ।
प्रो. राजेंद्र प्रसाद पूर्व निदेशक पटेल चेस्ट संस्थान दिल्ली विश्विद्यालय ने बताया की मानशिक स्वास्थ के निराकरण में योग लाभ देता है किंतु इसे चिकित्सा के रूप में अपनाने हेतु और अधिक शोध की जरूरत है।
प्रो. जी. डी शर्मा, पूर्व विभागाध्यक्ष, योग विभाग, हिमांचल प्रदेश विश्विद्यालय, शिमला, ने बताया कि मन पर नियंत्रण करके विभिन्न तनावजन्य परिस्थितियों से मुक्ति पाई जा सकती हैं जिसमे योग उपयोगी है। डॉ शर्मा को लाइफ टाइम अचीवमेंट आवर्ड से सम्मानित भी किया गया है।
प्रो ईश्वर भारद्वाज- अधिष्ठाता देव संस्कृति विश्विद्यालय, हरिद्वार ने बताया कि मानसिक रोगों की संख्या में भारत सहित सम्पूर्ण विश्व मे तेज़ी से वद्धि हो रही हैं किंतु योगिक जीवन पद्धति को अपना कर इन व्याधियों से बचा जा सकता है।
वेबिनार में डॉ उमेश कुमार शुक्ला, डॉ विजय कुमार ओहरी, तथा विभिन्न विश्वविद्यालयों के योग के शिक्षक छात्र एवं छात्राएं वर्चुअली शामिल थे।