सरोजिनीनगर सीएचसी पर मानसिक स्वास्थ्य व दिव्यांग शिविर आयोजित



  • प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती की भी हुई जाँच

लखनऊ, 9 मार्च 2021 - सरोजिनी नगर सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर मंगलवार को  मानसिक स्वाथ्य एवं दिव्यांग शिविर का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजय भटनागर  की अध्यक्षता में किया गया |  शिविर में अनेक लाभार्थियों को दवा और परमर्श दिया गया | साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने  दिव्यान्गता प्रमाण पत्र वितरित किये तथ दिव्यांग बच्चों को पुष्प गुच्छ दिए | यह जानकारी सीएचसी सरोजिनी नगर के चिकित्सा अधीक्षक डा. अंशुमान श्रीवास्तव  ने दी |

डॉ. अंशुमान ने बताया – इसके अलावा आज सीएचसी पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान(पीएमएसएम्ए)  का आयोजन भी किया गया , जो कि  हर माह की नौ  तारीख़ को मनाया जाता है |  मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने  पीएमएसएम्ए काउंटर का भी  निरीक्षण किया और उपस्थित गर्भवतियों को बिस्कुट व दूध का वितरण किया | उन्होंने बताया – मंगवार को आयोजित पीएमएसएम्ए  में कुल 39  गर्भवतियों के स्वास्थ्य जाँच की गयी |  मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सीएचसी पर बन रहे कंप्यूटरीकृत  पर्ची का निरीक्षण किया और क्यूआर कोड से परचा बनवाया |

चिकित्सा अधीक्षक ने बताया – पीएमएसएम्ए को मनाने का उद्देश्य सभी गर्भवती  को कम से कम एक बार स्त्री रोग विशेषज्ञ अथवा एमबीबीएस चिकित्सक की देख रेख में निःशुल्क गुणवत्तापरक जांच एवं उपचार से अच्छादित किया जाना है | इस अभियान में   उच्च खतरे वाली गर्भावस्था की पहचान कर गर्भवती को आवश्यक स्वास्थ्य  सुविधाएँ मुहैया करायी जाएँ |  

इस मौके पर डा. अशोक कुमार, डा. नीरज, डा. वसीम, मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. अभय सिंह और मनोसामाजिक सामाजिक कार्यकर्ता रवि द्विवेदी उपस्थित थे |

पीएमएसएम्ए अभियान में क्या मिलती हैं सुविधाएँ : इस अवसर पर काउंटर लगाकर  गर्भवती  का पंजीकरण,  हीमोग्लोबिन  की जांच, पेशाब की जाँच, सिफलिस और एचआईवी की जाँच, ग्लूकोज  टोलेरेंस की जाँच की जाती है  एवं अल्ट्रा साउंड निःशुल्क किया जाता है | साथ ही परिवार नियोजन के सम्बन्ध में परामर्श दिया जाता है | पहली बार प्रसवपूर्व जाँच कराने आयी गर्भवती  का आरसीएच पोर्टल पर उसी दिन पंजीकरण किया जाता है | उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं को चिन्हित कर  मातृ शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड  पर एचआरपी की मुहर लगा दी जाती है एवं एचआरपी महिलाओं के प्रसव की कार्ययोजना सहित रिकॉर्ड स्वास्थ्य इकाइयों पर सुरक्षित रखे जाते हैं | साथ ही गर्भवतियों के लिए जलपान व् फल आदि का  वितरण किया जाता है | गर्भवती  को अधिक दिक्कत न हो, भीड़ इकट्ठी न होने  पाये, इसलिए अधिक से अधिक काउंटर बनाए जाते हैं |