नियमित रूप से दवा लेकर और पोषण का ख्याल रख टीबी को दी मात



  • टीबी चैम्पियन रिंकू की लोगों को सलाह- बीमारी को छिपायें नहीं बल्कि इलाज कराएं

लखनऊ, 14 मार्च 2021 - क्षय (टीबी) रोगियों का इलाज करते  हुए  हेल्थ विजिटर (टीबीएचवी) रिंकू सिंह कब  टीबी से ग्रसित हो गयीं यह उन्हें पता ही नहीं चला | अब वह क्षय रोग को  पूरी तरह से मात देकर   टीबी चैम्पियन के तौर पर लोगों को जागरूक करने में जुट गयी हैं |

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत ठाकुरगंज टीबी अस्पताल में रिंकू टीबीएचवी के पद पर पिछले छह  साल से काम कर रही हैं | वह विशेषकर एमडीआर(मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट)  टीबी के रोगियों को दवा उपलब्ध कराती हैं, कार्ड बनाती हैं और साथ ही क्षय रोगियों के घर भी विजिट करती हैं |

रिंकू बताती हैं- सितम्बर 2019 में उन्हें सांस फूलने की दिक्कत महसूस हुई  और वह जब चलती थीं तो जल्द  ही थक जाती थीं | यह बात उन्होंने ठाकुरगंज टीबी अस्पताल में  मेडिकल ऑफिसर, क्षय रोग के चिकित्सक तथा चेस्ट रोग विशेषज्ञ डा.एस.पी.सिंह को बताई | उन्होंने रिंकू को एक्स-रे  कराने की सलाह दी | एक्स-रे रिपोर्ट में फेफड़ों के संक्रमण का पता  चला | घर वालों को इसकी जानकारी मिलने पर वह थोड़ा  परेशान हुए |

इसके बाद टीबी का  इलाज शुरू हो गया और छह माह तक  नियमित दवा का सेवन किया व पौष्टिक खाना खाया | निक्षय  पोषण योजना के तहत  इलाज के दौरान खाते में पोषण हेतु 500 रूपये प्रतिमाह भी आते थे | बीमारी के दौरान भी नियमित रूप से काम किया | इस दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हुई | ड्यूटी के दौरान हर प्रोटोकाल का भलीभांति पालन किया |  रिंकू लोगों को यह सलाह देना चाहती हैं – टीबी होने पर घबरायें नहीं, सकारात्मक सोच रखें, नियमित दवा का सेवन करें और पौष्टिक भोजन करें | टीबी पूरी तरह से ठीक होने वाली बीमारी है | टीबी रोग को छिपाए  नहीं | यदि घर में या आस-पास टीबी का कोई संभावित  रोगी है तो उसे पास के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएँ और जांच करायें |  

रिंकू बताती हैं – सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाईजर राजीव कुमार ने इलाज के दौरान मेरा पूरा सहयोग किया और वह समय समय पर परामर्श  देते रहते थे | साथ ही मुझे मेरे परिवार का पूरा सहयोग मिला |
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. ए.के. चौधरी ने बताया - मैं सभी से अपील करता हूं कि जो लोग निजी संस्थानों अथवा सरकारी चिकित्सालयों  से टीबी के इलाज के बाद  पूर्ण रूप से स्वस्थ हो चुके हैं वह अपने आसपास के टीबी से संक्रमित.लोगों को पूरा इलाज करने के लिए प्रेरित करें और समाज को टीबी मुक्त बनाने में अपनी महत्वपूर्ण सामाजिक भूमिका को निभायें |

क्या होता है क्षय (टीबी) रोग : टीबी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया के कारण होता है | यह संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से फैलता है | जब संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है तो टीबी के जीवाणु हवा में फ़ैल जाते हैं | संक्रमित हवा में सांस लेने  से स्वस्थ व्यक्ति या बच्चे भी टीबी से संक्रमित हो सकते हैं |