नई दिल्ली(डेस्क) - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन जैसी योजनाएँ देश के लाखों किसानों का भाग्य बदल देंगी। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से आत्मनिर्भरता, ग्रामीण सशक्तिकरण और कृषि नवाचार के एक नए अध्याय की शुरुआत होगी। श्री मोदी ने देश की कृषि प्रणाली में तेज़ी से विकास और सुधारों को आवश्यक बताया। प्रधानमंत्री नई दिल्ली में 42 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं और योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे।
एनडीए शासन की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले ग्यारह वर्षों में देश का कृषि निर्यात लगभग दोगुना हो गया है और खाद्यान्न उत्पादन में करीब 90 मिलियन मीट्रिक टन की वृद्धि हुई है। श्री मोदी ने कहा कि इन वर्षों में फलों और सब्जियों का उत्पादन 640 लाख मीट्रिक टन से अधिक बढ़ा है। उन्होंने कहा कि देश आज दुग्ध उत्पादन में दुनिया में पहले स्थान पर है और विश्व स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में छह नई उर्वरक कंपनियाँ भी स्थापित की गई हैं और पिछले 11 वर्षों में किसानों को 25 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का उद्देश्य दलहन की पैदावार बढ़ाना है और देश की भावी पीढ़ियों को सशक्त बनाना है।
इस अवसर पर कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जीएसटी सुधारों से सरकार ने कृषि उपकरणों पर जीएसटी दरों को कम करके किसानों को राहत प्रदान की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमेशा किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना अभिसरण, नवाचार और समावेशी विकास के माध्यम से कृषि प्रधान भारत में बदलाव लाएगी।
कृषि उत्पादकता बढ़ाने, फसल विविधीकरण और सतत कृषि पद्धतियों को अपनाने तथा सिंचाई सुविधाओं में सुधार लाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना 24 हज़ार करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शुरू की गई है। दलहन आत्मनिर्भरता मिशन 11 हज़ार 440 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य दलहन की उत्पादकता में सुधार लाना और दलहन की खेती के क्षेत्र का विस्तार करना है।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में पांच हजार चार सौ पचास करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की परियोजनाओं का उद्घाटन और लगभग 815 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया।
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