रजिस्ट्री के लिए बनेगा सिंगल विन्डो सिस्टम, 15 अप्रैल से योजनावार लगाया जाएगा कैम्प



  • लखनऊ विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष/मण्डलायुक्त डाॅ0 रोशन जैकब ने प्राधिकरण के कार्यों की समीक्षा बैठक में दिये निर्देश
  • आईसीएमएस एप पर आयी अवैध निर्माण की शिकायतों तथा विहित न्यायालयों में लंबित वादों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करने के दिये निर्देश
  • अवैध प्लाटिंग, रो-हाउस भवन, होटल एवं व्यवसायिक निर्माणों के खिलाफ अभियान चलाकर करें कार्यवाहीः मण्डलायुक्त


लखनऊ - लखनऊ विकास प्राधिकरण की योजनाओं में सम्पत्ति खरीदने वाले आवंटियों को अब रजिस्ट्री के लिए चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इसके लिए प्राधिकरण भवन में सिंगल विन्डो सिस्टम के तहत एक विशेष काउंटर बनाया जाएगा। साथ ही आगामी 15 अप्रैल से योजनावार विशेष रजिस्ट्री कैम्प संचालित किया जाएगा। लखनऊ विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष/मण्डलायुक्त डाॅ0 रोशन जैकब ने बुधवार को प्राधिकरण के कार्यों की समीक्षा बैठक में इस बाबत निर्देश जारी किये हैं।

 बैठक में प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ इन्द्रमणि त्रिपाठी व सचिव पवन कुमार गंगवार द्वारा उनके समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी। मण्डलायुक्त ने निर्देशित किया कि विशेष रजिस्ट्री कैम्प में उक्त योजना से सम्बंधित समस्त अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहेंगे और रजिस्ट्री के लिए आवेदन करने वाले आवंटी से समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कराकर तीन दिन में निबंधन की कार्यवाही सुनिश्चित कराएंगे। उन्होंने कहा कि कैम्प की शुरूआत करने से पहले सभी योजनाओं का लीज प्लान आदि पूर्ण करा लिया जाए। इस दौरान मण्डलायुक्त ने नागरिक सुविधा दिवस में काफी संख्या में आये  रजिस्ट्री के लंबित प्रकरणों पर नाराजगी जताते हुए अफसरों को चेतावनी दी कि अगर अब कार्य में लापरवाही उजागर हुयी तो स्तर-1 व स्तर-2 के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसके बाद उन्होंने प्रवर्तन के कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि वर्तमान में प्रचलित अवैध निर्माणों पर शत प्रतिशत कार्यवाही की जाए। इसमें अवैध प्लाटिंग, रो-हाउस भवन, होटल एवं व्यवसायिक निर्माणों को प्रथम प्राथमिकता पर रखते हुए प्रवर्तन की कार्यवाही सम्पादित करायी जाए।

इसके अलावा उन्होंने आई0सी0एम0एस0 (इलीगल कंस्ट्रक्शन माॅनिटरिंग सिस्टम) एप पर आने वाली शिकायतों तथा विहित प्राधिकारी न्यायालयों में लंबित वादों को शीघ्र निस्तारित करने के निर्देश दिये। मण्डलायुक्त ने निर्देश दिये कि अप्रैल, 2022 से लेकर मार्च, 2023 तक विहित न्यायालय द्वारा पारित किये गये सीलिंग आदेश तथा इनके सापेक्ष प्रश्नगत स्थलों पर की गयी कार्यवाही का ब्योरा उनके समक्ष प्रस्तुत किया जाए। इसमें प्रत्येक जोन से अपीलीय न्यायालय में लंबित वादों की सूची भी उल्लेखित की जाए। उन्होंने कहा कि सील किये गये अवैध निर्माणों की निरंतर माॅनिटरिंग करायी जाए तथा निरीक्षण के समय की फोटो के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।

 इस क्रम में मण्डलायुक्त द्वारा शमन सेल के कार्यों की भी समीक्षा की गयी। उन्होंने निर्देश दिये कि गैर शमनीय प्रकरणों को तुरंत निरस्त करते हुए इसकी सूचना सम्बंधित प्रवर्तन जोन व विहित न्यायालय को उपलब्ध करा दी जाए। वहीं, जिन प्रकरणों में शमन हो सकता है, उनमें नियमानुसार कार्यवाही करते हुए शमन मानचित्र निर्गत किये जाएं।

बैठक में अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, वित्त नियंत्रक दीपक सिंह, मुख्य अभियंता अवधेश तिवारी, अधीक्षण अभियंता ए0के0 सिंह, जोनल अधिकारी/विशेष कार्याधिकारी अरूण कुमार सिंह, प्रिया सिंह, रामशंकर, नजूल अधिकारी अरविंद त्रिपाठी, देवांश त्रिवेदी, डीके  सिंह, श्रद्धा चौधरी, उप सचिव माधवेश कुमार, तहसीलदार शशिभूषण पाठक समेत समस्त अधिशासी अभियंता एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।