टीबी मुक्त ग्राम पंचायत की जिला एवं ब्लॉक स्तरीय टास्क फोर्स की पहली बैठक आयोजित



लखनऊ - राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम(एनटीईपी) के तहत प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के क्रम में ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त करने के उद्देश्य से जिला एवं ब्लॉक स्तरीय टास्क फोर्स की पहली बैठक शनिवार को मुख्य विकास अधिकारी(सीडीओ) अजय जैन की अध्यक्षता  में विकास भवन सभागार में हुई।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान का शुभारंभ गत वर्ष किया था । यह तभी संभव है जब गाँव – गाँव तक लोगों को टीबी के बारे में जानकारी हो व हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग हो । इसी उद्देश्य के साथ पहल के तौर अगले दो माह  बक्शी का तालाब ब्लॉक की सभी 94 ग्राम पंचायतों  में  माइक्रोप्लान बनाकर, रोटेशन के अनुसार ग्राम पंचायत के पंचायत भवन में माह के हर शनिवार को स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करने के निर्देश दिए जिससे कि सभी ग्राम पंचायतों में स्वास्थ्य शिविर लगाए जा सकें। उन्होंने कहा कि  स्वास्थ्य शिविर में टीबी को प्राथमिकता देते हुए अन्य गैर संचारी रोगों जैसे ब्लड प्रेशर और शुगर की भी स्क्रीनिंग होगी। टीबी के संभावित लक्षण वाले व्यक्तियों की पहचान कर आगे की जाँचें की जाएंगी और टीबी की पुष्टि होने पर इलाज शुरू किया जाएगा। सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी(सीएचओ) या एएनएम इस शिविर में टीबी मरीजों की स्क्रीनिंग करेंगे | इसके साथ ही वह बीपी और शुगर की भी जांच करेंगे । उन्होंने कहा कि अगर इसके परिणाम सकारात्मक रहे तो जनपद के अन्य ब्लॉक में इसे शुरू किया जाएगा।

सीडीओ ने कहा कि इस स्वास्थ्य शिविर के आयोजन से पहले क्षेत्रीय लोगों को इसकी जानकारी दी जाए जिससे कि अधिक से अधिक संख्या में लोग प्रतिभाग करें | इसके अलावा गाँव स्तर में बैठकें आयोजित कर लोगों को टीबी के लक्षण, जांच और उपचार को लेकर जागरूक किया जाए | इसके साथ जागरूकता के लिए  व्यापक प्रचार  सामग्री का उपयोग किया जाए।

सीडीओ ने निर्देश दिए कि टीबी मुक्त ग्राम  पंचायत की ब्लॉक और ग्राम पंचायत टास्क फोर्स की बैठक हर माह  आयोजित कर अभियान की गतिविधियों पर चर्चा की जाए। सीडीओ ने बताया कि माह फरवरी में जिला पंचायती राज अधिकारी सहित एनटीईपी के सदस्यों व सपोर्ट टू एलिमिनेशन प्रोजेक्ट(एसटीईपी) के सदस्यों ने कर्नाटक में भ्रमण कर कर्नाटक हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट (केएचपीटी) द्वारा किए जा रहे कामों को देखा और उसके सकारात्मक परिणामों को देखते हुए उस कार्यक्रम को लखनऊ में भी इसे शुरू करने का निर्णय लिया। इसी क्रम में यह प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है।

जिला क्षय रोग अधिकारी डा. ए.के.सिंघल ने बताया कि जनपद में कुल 28 टीबी यूनिट, 69 डेजिग्नेटेड माइक्रोस्कोपिक सेंटर (डीएमसी), 18 लैब्स, 659 ट्रीटमेंट सेंटर, तीन सीएंडडीएसटी कल्चर एवं ड्रग ससेप्बिलिटी टेस्ट लैब, एक एफ़एलपीए(फर्स्ट लाइन प्रॉब एसे) एवं एसएलपीए(सेकंड लाइन प्रॉब एसे) लैब, तीन सरकारी, पाँच निजी मेडिकल कॉलेज एवं कुल 198 आरोग्य मंदिर हैं । अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आर.एन.सिंह ने कहा कि हम सभी मिलकर दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ टीबी उन्मूलन कर पाएंगे। जिस तरह से पोलियो और नवजात टिटेनस का देश से उन्मूलन हो चुका है उसी तरह से टीबी का भी उन्मूलन करने में हम सक्षम है और कर लेंगे।

इस मौके पर जिला पंचायती राज अधिकारी हिमांशु सिंह ठाकुर ने कहा कि पंचायत भवन में स्वास्थ्य शिविर लगाए जाने का निर्णय लेने का उद्देश्य है कि पंचायत सदस्य जिम्मेदारी लें और इस अभियान में सहयोग दें। ग्राम पंचायतें तभी टीबी मुक्त हो पाएंगी जब हर व्यक्ति इस अभियान में अपने स्तर से सहयोग करेगा।

इस मौके पर  जिला कार्यक्रम अधिकारी राकेश कुमार, ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सभी चिकित्साधीक्षक, सभी एडीओ पंचायत, एनटीईपी के सदस्य, विश्व स्वास्थ्य संगठन, सीआरएस और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च(सीफॉर) के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।