एनीमिया से बचाव के लिए समुचित पोषण पर ध्यान देना आवश्यक



  • पोषण माह के तहत सैम बच्चों, किशोरी व गर्भवती महिलाओं की जांच को लगा स्वास्थ्य शिविर
  • मोटे अनाज की रेसिपी का हुआ प्रदर्शन, बताये गए फायदे

कानपुर नगर - पोषण माह के अंतर्गत विकासखंड बिधनू में ब्लॉक स्तर पर मंगलवार को सैम बच्चों, किशोरियों सहित गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया। रंगोली, पोषण कॉर्नर और रेसिपी प्रदर्शन के बाद किशोरियों को समझाने का प्रयास किया गया है कि पोषण क्यों जरूरी है और उसके लिए क्या करें। इसके साथ ही जंक फूड के दुष्प्रभावों को जानकारी भी दी गई।

कार्यक्रम में उपस्थित ब्लॉक बिधनू की बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) रतना श्रीवास्तव ने बताया कि किशोरी बालिका आगे चलकर मां बनती है। इसलिए किशोरियों के समुचित पोषण पर ध्यान देना आवश्यक है। घर में उपलब्ध हरी पत्तेदार सब्जियों का प्रयोग कर किशोरियों को एनीमिया के दुष्प्रभाव से बचाया जा सकता है। दूध से बनी चीजें जैसे दही एवं पनीर से भी समुचित पोषण प्राप्त किया जा सकता है। मौसमी फलों के सेवन भी पोषण एवं एनीमिया प्रबंधन में प्रभावी होता है।

खंड विकास अधिकारी सच्चिदानंद मिश्रा ने कहा कि मोटा अनाज बहुत ही उपयोगी पोषक तत्वों से भरा हुआ भरपूर है। कुपोषण को दूर करने के लिए एक मूल्यवान संपत्ति के रूप में मोटा अनाज जिसे सभी अनाजों की जननी कहा जाता है बहुत ही उपयोगी अनाज है जिससे बीपी, डायबिटीज आदि बीमारियों से बचा जा सकता है और यह हमारे शरीर में पाचन शक्ति को बढ़ाने वाला अनाज भी है। इस अवसर पर उपस्थित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और महिलाएं को उन्होंने कहा कि मोटे अनाज की उपयोगिता के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करें ।

इस दौरान कुल 61 सैम बच्चों, 185 किशोरियों एवं 175 गर्भवती महिलाओं का परीक्षण किया गया। इनमें से कुल पाँच प्रतिशत किशोरियां व गर्भवती महिलाओं में खून की कमी पायी गयीं जिसके लिए उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिधनू में संपर्क करने की सलाह दी गयी। कार्यक्रम में मेडिकल टीम में डॉ राघवेंद्र प्रताप सिंह, डॉ पुष्पेंद्र सहित मुख्य सेविका अनामिका , नीना, रचना आदि उपस्थित रहे।