नई दिल्ली(डेस्क) - भारत ने चेनाब नदी पर बगलिहार बांध के माध्यम से पानी के प्रवाह को कम कर दिया है और झेलम नदी पर बने किशनगंगा बांध को लेकर भी इसी तरह के कदम उठाने की योजना बना रहा है। यह कदम सिंधु जल संधि को स्थगित करने के बाद उठाया गया है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए कूटनीतिक, आर्थिक और जल संसाधन संबंधी कई निर्णय लागू किए हैं।
भारत सरकार ने प्रतिक्रिया स्वरूप सिंधु जल संधि को स्थगित करने की घोषणा की है और पाकिस्तान में बहने वाली नदियों खासकर चेनाब और झेलम के प्रवाह को नियंत्रित करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। अधिकारियों के अनुसार, बगलिहार बांध (चेनाब नदी पर) से पानी की आपूर्ति में कटौती शुरू कर दी गई है, जबकि किशनगंगा बांध (झेलम की सहायक नीलम नदी पर) पर भी इसी प्रकार के उपायों की योजना बनाई जा रही है।
क्या था सिंधु जल समझौता ?
सिंधु जल समझौता 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था। इस समझौते के तहत ऊपर की तीन नदियों - सिंधु, चिनाब और झेलम का पानी पाकिस्तान को मिलना था और नीचे की तीन नदियों - रावि, ब्यास और सतलज का पानी भारत इस्तेमाल कर सकता था। हालांकि 23 अप्रैल को इस संधि को तत्काल प्रभाव से रद कर दिया गया है।