मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रोजगार महाकुम्भ-2025 का किया शुभारंभ, युवाओं को उपलब्ध कराए नए अवसर



लखनऊ - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज तीन दिवसीय रोजगार महाकुम्भ-2025 का शुभारंभ करते हुए प्रदेश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य और रोजगार सृजन पर जोर दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नव चयनित युवाओं को नियुक्ति-पत्र वितरित किए और रोजगार मिशन सोसाइटी के ‘लोगो’ का लोकार्पण, श्रम न्याय सेतु पोर्टल, औद्योगिक न्यायाधिकरण की वेबसाइट, ई-कोर्ट पोर्टल एवं अटल आवासीय विद्यालयों में इंटीग्रेटेड मॉनिटरिंग सिस्टम पोर्टल का शुभारंभ किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के युवा अपार ऊर्जा के स्रोत हैं और उन्होंने अपनी प्रतिभा एवं सामर्थ्य से औद्योगिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। रोजगार महाकुम्भ-2025 के माध्यम से उद्योग और युवा एक साथ जुड़ रहे हैं, जिससे युवाओं को उनकी योग्यता के अनुरूप रोजगार प्राप्त हो सके।उन्होंने बताया कि प्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र में 96 लाख इकाइयों को पुनर्जीवित कर करोड़ों युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। कोरोना काल में इन इकाइयों के माध्यम से प्रवासी मजदूरों और श्रमिकों को रोजगार सुनिश्चित किया गया। प्रदेश में पहली बार MSME इकाइयों को 5 लाख रुपये का सुरक्षा बीमा कवर प्रदान किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परंपरागत उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान और पीएम विश्वकर्मा योजनाओं के माध्यम से बढ़ई, राजमिस्त्री, सुनार, कुम्हार, मोची, नाई आदि कारीगरों को प्रशिक्षण, ऋण और टूलकिट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसी तरह मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के अंतर्गत अब तक 70 हजार युवा स्वयं का उद्यम स्थापित कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पुलिस में 2.19 लाख युवाओं की भर्ती हुई है, 1.56 लाख शिक्षकों की भर्ती पारदर्शी तरीके से सम्पन्न हुई है और पिछले आठ वर्षों में 8.5 लाख युवाओं को विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी दी गई है।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई है, जिससे उत्तर प्रदेश निवेश के लिए सबसे बेहतर गंतव्य बन गया है। राज्य सरकार ने अब तक 33 से अधिक सेक्टोरियल पॉलिसीज तैयार की हैं और निवेशकों को ‘निवेश मित्र’ एवं ‘निवेश सारथी’ जैसे सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए गए हैं।

युवाओं की कौशल विकास और रोजगार सृजन को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, रोबोटिक टेक्नोलॉजी और ड्रोन टेक्नोलॉजी सहित अनेक नए टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम, वर्कशॉप और लैब्स स्थापित किए जा रहे हैं। उन्हें हब एंड स्पोक मॉडल के माध्यम से प्रशिक्षण का बेहतरीन मंच प्रदान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने श्रमिकों के हितों पर भी जोर देते हुए कहा कि न्यूनतम वेतन की गारंटी सुनिश्चित की जाएगी और किसी कार्मिक के वेतन में कटौती नहीं होगी। श्रम न्याय सेतु पोर्टल के माध्यम से श्रमिकों के लिए पारदर्शी, त्वरित और ऑनलाइन न्याय प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, अटल आवासीय विद्यालयों को इंटीग्रेटेड मॉनिटरिंग सिस्टम पोर्टल से जोड़ा गया है, जिससे 18 हजार छात्रों को लॉजिंग, फूडिंग और निःशुल्क अत्याधुनिक शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। इसी तर्ज पर बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत 57 इंटीग्रेटेड कैम्पस युक्त मुख्यमंत्री अभ्युदय और कंपोजिट विद्यालयों की स्थापना की जा रही है। इस अवसर पर श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, राज्यमंत्री मनोहर लाल मन्नू कोरी, सलाहकार मुख्यमंत्री अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन एम.के.एस. सुन्दरम, श्रम आयुक्त मार्कण्डेय शाही, रोजगार निदेशक नेहा प्रकाश और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम में श्रम एवं सेवायोजन से संबंधित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के युवाओं को कौशल, रोजगार और उद्यमिता के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।