प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ लेने के लिए बैंक खाते का आधार से लिंक होना जरूरी



  • बैंकों के विलय के चलते योजना के लाभ से वंचित महिलाएं खाते को कराएँ अपडेट
  • पहली बार गर्भवती होने पर तीन किश्तों में मिलते हैं पांच हजार रूपये

लखनऊ - पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य देखभाल व उचित पोषण प्रदान करने के उद्देश्य से जिले में  प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के तहत आर्थिक सहायता प्रदान की  जा रही है | योजना  के तहत धनराशि सीधे गर्भवती/धात्री  के खाते में भेजी जाती है | यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज अग्रवाल ने कहीं | उन्होंने बताया- जिले में अब तक कुल 62406  महिलायें इस योजना के तहत पंजीकृत हैं |  इस योजना का लाभ पाने के लिए जरूरी है कि बैंक खाता आधार से लिंक होना चाहिए | वर्तमान में कई  राष्ट्रीयकृत बैंकों का एक दूसरे में विलय हो गया है जिसके  कारण लाभार्थियों का खाता आधार से  लिंक नहीं हो पा रहा है | इस कारण जिले में  4517 गर्भवती के खाते में पैसा भेजने में दिक्कत आ रही है |

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया- ऐसी महिला लाभार्थी जो योजना के लाभ से वंचित हैं वह तुरन्त ही अपने  बैंक की शाखा में जाकर  खाते से आधार  को लिंक कराएँ और इस योजना का लाभ लें | इसके  अलावा अगर लाभार्थी को कोई दिक्कत आ रही है या उसे सहायता की जरूरत है तो  मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के पी.एम.एम.वी.वाई  सेल ( द्वितीय तल) या  नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या  पीएमएमवीवाई के जिला समन्वयक सुधीर वर्मा से उनके मोबाइल न. 6394458720 या स्टेट हेल्पलाइन नम्बर 7998799804 पर भी संपर्क कर सकती हैं | विभाग द्वारा हर गर्भवती को इस योजना के तहत पंजीकृत करने का प्रयास किया जा रहा है | इस योजना  का आवेदन फॉर्म भरने  के लिए आशा या एएनएम् से मदद  ली जा  सकती है या घर बैठे www.pmmvy.case.nic.in पर लॉग इन कर स्वयं आवेदन किया जा सकता है  |

पीएमएमवीवाई के जिला कार्यक्रम समन्वयक सुधीर वर्मा ने बताया- प्रसव चाहे सरकारी स्वास्थ्य सुविधा में हुआ हो या निजी, लाभ सभी को मिलता है लेकिन पंजीकरण सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर ही होना चाहिए | पंजीकरण के लिए गर्भवती व पति  का आधार कार्ड,  गर्भवती की बैंक पासबुक की फोटो कॉपी, मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड (एमसीपी कार्ड) जरूरी है | गर्भवती  का बैंक खाता संयुक्त  नहीं होना चाहिए |

श्री वर्मा ने बताया- गर्भवती पंजीकरण कराने के 150 दिन के भीतर फॉर्म ए,180 दिन के भीतर फॉर्म बी और बच्चे के जन्म के बाद उसका टीकाकरण चक्र पूरा होने के बाद जन्म प्रमाण पत्र के साथ फॉर्म सी भरकर अपने पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र(सीएचसी) पर जमा कर पीएमएमवीवाई की तीनो किश्तों का लाभ ले सकती है |

क्या है  पीएमएमवीवाई ?
केंद्र सरकार की यह महत्वाकांक्षी  योजना एक जनवरी 2017 में शुरू की गयी  | इस योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने पर पोषण के लिए पांच हजार रुपये तीन किश्तों में गर्भवती  के खाते में दिए  जाते हैं | पहली किश्त 1,000 रुपये की गर्भधारण के 150 दिनों के अंदर पंजीकरण कराने पर, दूसरी किश्त में 2,000 रुपये 180 दिनों  के अन्दर व 2,000 रूपये की तीसरी किश्त प्रसव पश्चात तथा शिशु के  प्रथम टीकाकरण चक्र के पूरा होने पर मिलते हैं |