कुपोषण चक्र तोड़कर समाज को बनाएं स्वस्थ



  • जिले के आईसीडीएस विभाग ने सीफार से सहयोग से आयोजित की मीडिया कार्याशाला

बाराबंकी - समाज से कुपोषण को जड़ से समाप्त करने के लिए हमें लोगों में जागरूकता फैलाने के साथ कुपोषण के चक्र को तोड़ना होगा। इसकी शुरूआत जीवन के पहले दिन से करनी होगी । जीवन के पहले घंटे के अंदर स्तनपान और छह माह तक सिर्फ स्तनपान के साथ टीकाकरण, शिशु को कुपोषण से दूर रखने में मदद करता है । इसके अलावा गर्भवती  व धात्री माताओं को आयरन, फाइवरयुक्त, पौष्टिक आहार लेना चाहिए ताकि कमजोरी और खून की कमी जैसी समस्या  न हो।

उक्त बातें अपर मुख्य चिकित्सा आधिकारी डॉ केएनएम त्रिपाठी ने बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग व सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के संयुक्त तत्वाधान में पोषण माह के तहत आयोजित मीडिया वर्कशाप को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि पोषण माह में इस बार ‘कुपोषण छोड़ पोषण की ओर, थामे क्षेत्रीय भोजन की डोर’ है। अपने आसपास खाली जमीनों पर सब्जी, फल, सहजन आदि के पौधे रोपकर वहां से ताजी सब्जियां लेकर भोजन को पौष्टिक बना सकते हैं। इससे पहले मुख्य अतिथि ने जिला कार्यक्रम अधिकारी आईसीडीएस प्रकाश कुमार व विभिन्न ब्लॉकों के सीडीपीओ के साथ दीप प्रज्ज्वलित करके वर्कशाप का शुभारंभ किया।

जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रकाश कुमार ने कहा कि कुपोषण के खात्मे के लिए अन्नप्राशन, गोदभाराई, बचपन दिवस, किशोरी दिवस, ममता दिवस, लाडली दिवस, सुपोषण दिवस एवं स्वच्छता दिवस का आयोजन कर समुदाय को स्वास्थ्य एवं सुपोषण के मुद्दे पर जागरुक किये जाने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है | साथ ही स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित कर गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के नियमित टीकाकरण पर पूरा जोर दिया जा रहा है  पोषण अभियान की उपलब्धियों पर जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान किए गए प्रयासों से 11 हजार 964 कुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी में और 1418 बच्चों को लाल श्रेणी से पीली श्रेणी में लाया गया है |

सीडीपीओ हसन जहीर जैदी ने पोषण माह के उद्देश्य पर चर्चा करते हुए कहा कि गांव की आबादी जागरूक होकर सस्ती और अच्छे खाद्य पदार्थों का सेवन करें। खाली जमीन पर पोषण वाटिका का निर्माण भी आसानी से हो सकता है। सीडीपीओ सुलेखा यादव ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा वीएचएसएनडी दिवस पर बच्चों का वजन कर कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन एवं प्रबंधन का काम किया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान अभिभावकों को साफ-सफाई के बारे में जानकारी देने के साथ पोषण के महत्व को भी बताने का काम कर रही हैं। सीडीपीओ इंदुलता ने कहा कि किशोरावस्था में एनीमिया के बचाव के लिए साप्ताहिक रूप से आयरन फॉलिक एसिड की बड़ी नीली गोली का सेवन करें, अति कुपोषित बच्चों के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र पर भर्ती कराएं।

इस मौके परसीडीपीओ इन्दुलता, सीडीपीओ निधि सिंह, सीडीपीओ भावना राणा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता क्रान्ति वर्मा, सीफार के स्टेट प्रोजेक्ट एकाउंट एसोसियेट संदीप मुखर्जी, सीफार के मंडलीय समन्वयक सुशील कुमार वर्मा, रीजनल डाक्यूमेंटशन ऑफिसर सीफार गोंडा रवि मोहन तिवारी, मंडलीय सहायक अयोध्या विनय श्रीवास्तव, जिला समन्वयक सीफार बाराबंकी राजकुमार मिश्रा समेत अन्य लोग मौजूद रहे |