द्वितीय राष्ट्रीय पल्मोनरी पी.जी. कांफ्रेंस आयोजित



लखनऊ -  किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग एवं यूपी चैप्टर इण्डियन चेस्ट सोसाइटी के संयुक्त तत्वाधान में सोमवार को द्वितीय राष्ट्रीय पल्मोनरी पी.जी. कांफ्रेंस (वर्चुवल) आयोजित की गई। रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग द्वारा देश में पहली बार राष्ट्रीय पल्मोनरी पीजी कांफ्रेंस, 17 जनवरी 2021 को वर्चुवल प्लेटफार्म पर आयोजित की गयी थी। ज्ञात रहे कि  केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग की स्थापना सन् 1946 में हुई थी । वर्ष 2021 में इस विभाग की स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। विभागाध्यक्ष डा. सूर्यकान्त ने बताया कि विभाग की स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में विभाग 75 समारोहों की श्रृंखला मना रहा है।

कांफ्रेंस के आयोजक अध्यक्ष डा. सूर्यकान्त, विभागाध्यक्ष, रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग ने कांफ्रेंस के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी एवं शुभारम्भ कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (डा.) बिपिन पुरी, मुख्य अतिथि के द्वारा किया गया। कांफ्रेंस के आयोजन सचिव डा. ए.के. सिंह (कानपुर), सह आयोजक सचिव डा. अजय कुमार वर्मा, एडिशनल प्रोफेसर एवं डा. ज्योति बाजपेई, असिस्टेन्ट प्रोफेसर, रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग एवं वैज्ञानिक सचिव डा. आनन्द कुमार (कानपुर) उपस्थित रहे।

इस कांफ्रेंस का आयोजन पल्मोनरी/रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के डाक्टरों के लिए अत्यन्त उपयोगी रहा , जिसमें देश एवं विदेश के प्रख्यात चिकित्सकों जैसे-डा. सूर्यकांत, डा. डी बेहरा (पीजीआई, चण्डीगढ़), डा. राजेन्द्र प्रसाद (पूर्व विभागाध्यक्ष), डा. मनोज गोयल (दिल्ली), डा. आनंद कुमार (जी.एस.वी.एम. कानपुर), डा. सौरभ मित्तल (एम्स दिल्ली), डा. ऋचा गुप्ता (सी.एम.सी.वेल्लोर) व अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों ने भाग लिया। एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक डा. एमसी मिश्रा ने पोस्ट कोविड के मरीजों के उपचार के लिए एलोपैथिक दवाओं के साथ-साथ योग, प्राणायाम, नेचुरोपैथी पर भी बल दिया। फ्लिंडर्स मेडिकल सेंटर साउथ ऑस्ट्रेलिया से डा. शिवेष प्रकाश (कंसल्टेंट इंटेंसिविस्ट) ने पल्मोनरी हाइपरटेंशन, इसके प्रकार व उपचार पर विस्तृत व्याख्यान दिया। कांफ्रेंस में फेफड़े से जुड़ी विभिन्न बीमारियों- टीबी, अस्थमा, इम्पल्स आसिलोमेट्री, लंग कैंसर, सीओपीडी, पोस्ट कोविड, पल्मोनरी हाइपरटेंशन एवं उनकी जांच, उपचार एवं नई गाइड लाइन, ब्रोंकोस्कोपी, क्रायोबायोपसी, कोविड वैक्सीनेशन, एन्ड्रोबोन्कियल अल्ट्रासाउण्ड और स्लीप स्टडी जैसी विधाओं के बारे में व्यावहारिक एवं नवीनतम जानकारियाँ दी गई।

कांफ्रेंस में डा. सूर्यकान्त ने कोविड एवं पोस्ट-कोविड से बचाव के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि हमारे विभाग की ओपीडी में बहुत से कोविड के मरीज जो कोरोना की पहली व दूसरी लहर में संक्रमित हुए थे, अभी भी पोस्ट कोविड की समस्याओं को लेकर आते हैं, हम लक्षणों के हिसाब से उनका इलाज करते हैं। प्रायः यह देखा गया है कि इनमें से बहुत से मरीजों में मानसिक समस्याएं भी हो जाती है जिन्हें हम मानसिक चिकित्सा विशेषज्ञों की मदद से इलाज करते हैं। इसके साथ ही कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए कोरोना प्रोटोकाल के तहत हाथ एवं मुह धोने, फेसमास्क लगाने एवं शारीरिक दूरी बनायें रखने पर जोर दिया। इस सम्मेलन में देश भर के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के लगभग 500 पल्मोनरी पीजी के छात्रों ने भाग लिया।इस प्रोग्राम में विभाग के चिकित्सक डा. एस के वर्मा, डा. आर.एस. कुशवाहा, डा. संतोष कुमार, डा. राजीव गर्ग, डा. आनन्द श्रीवास्तव, डा. दर्शन कुमार बजाज, डा. अंकित कुमार; रेजिडेन्ट चिकित्सक – डा.रिचा, डा. नवीन, डा. नन्दनी, डा. अमान, डा. अनिकेत, पीएचडी स्कालर अनुज पाण्डेय एवं अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहे। इस सम्मेलन का समापन उपकुलपति डा. विनीत शर्मा द्वारा समापन संदेश एवं डा. अजय कुमार वर्मा, सहआयोजक सचिव (रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर) के धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।