विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं दस्तक अभियान की तैयारियों को लेकर हुई बैठक



  • 18 अक्टूबर से 17 नवम्बर तक चलेगा विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान
  • संचारी रोगों से बचाव के लिए घर-घर दस्तक देंगी ‘आशा’

लखनऊ - विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं दस्तक अभियान के सफल संचालन के लिए जिलाधिकारी के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ मनोज अग्रवाल की  अध्यक्षता में टास्क फोर्स की बैठक मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय सभागार में आयोजित की गई | बैठक में  दस्तक एवं संचारी रोग नियंत्रण अभियान पर चर्चा करते हुए सफलता की रणनीति तैयार की तथा विभिन्न विभागों के जिम्मेदारों से समन्वयक स्थापित कर कार्य पूर्ण कराने पर जोर दिया गया। जनपद में यह  अभियान 18 अक्टूबर से 17 नवम्बर तक चलेगा ।

जिलाधिकारी के निर्देशानुसार सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान 18 अक्टूबर से 17 नवंबर तक तथा दस्तक अभियान 18 अक्टूबर से 1 नवंबर तक जनपद में संचालित किया जाएगा, जिसमे स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास विभाग, पंचायती राज/ ग्राम्य विकास, पशुपालन विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार, शिक्षा, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, कृषि एवं सिंचाई, उद्यान एवं सूचना विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने विभाग से संबंधित गतिविधियों की कार्य योजना तैयार कर ली जाये तथा माइक्रो प्लान के अनुसार कार्य को समय से पूरा किया जाये। प्रत्येक शनिवार को अभियान की समीक्षा बैठक का आयोजन किया जायेगा जिसमें सभी विभाग अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट लेकर आयेंगे |

इस मौके पर मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा- पूरे जनपद में जलाशयों सहित ऐसे सभी स्थान जहाँ पानी जमा होता है उनकी सफाई हेतु 18 अक्टूबर से 17 नवंबर तक विशेष सफाई अभियान चलाया जायेगा |  उन्होंने बताया इस अभियान के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा प्रतिदिन अपने क्षेत्र में घरों का भ्रमण करेंगी तथा बुखार के रोगियों की सूची, क्षय रोग के लक्षण युक्त व्यक्तियों की सूची तथा कुपोषित बच्चों की सूची तैयार कर एएनएम के माध्यम से ब्लॉक मुख्यालय पर प्रस्तुत करेंगी। उन्होंने कहा कि संचारी रोग अभियान के तहत साफ सफाई, स्वच्छता, एंटी लारवा छिड़काव, फागिंग, नाला नालियों की सफाई, तालाबों/पोखरा के पास की झाड़ियों की सफाई, सूअर बाड़ो की सफाई तथा कीटनाशक दवाओं का छिड़काव का कार्य शत प्रतिशत कार्य सुनिश्चित किया जाए।  

राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. के.पी.त्रिपाठी ने बताया- बुखार के रोगियों की जांच कराई जाएगी व लक्षण के आधार पर इलाज शुरू कराया जाएगा। जो भी कुपोषित बच्चे मिलेंगे उनका भी इलाज शुरू कराया जाएगा और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र भेजा जाएगा।

नगर विकास विभाग नगरीय क्षेत्र में शुद्ध पेयजल, साफ-सफाई, मच्छरों की रोकथाम, संवेदनशील क्षेत्रों को खुले में शौच से मुक्त कराना और नाला-नालियों की साफ-सफाई का काम देखेगा।  पंचायती राज  व ग्राम्य विकास विभाग जनजागरूकता, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, वेक्टर कंट्रोल और वातावरणीय स्वच्छता के प्रयास करेगा | बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग  के जिम्मे कुपोषित बच्चों के चिन्हांकन, उन्हें पुष्टाहार वितरित करना, जनजागरूकता व संवेदीकरण, दिमागी बुखार के दिव्यांग बच्चों को योजनाओं का लाभ दिलवाना होगा।

शिक्षा विभाग व्हाट्सएप  ग्रुप के जरिये जनजागरूकता अभियान व संवेदीकरण, चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा बीमारियों की जांच के लिए प्रयोगशाला प्राविधिक प्रशिक्षण, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा दिमागी बुखार के दिव्यांग रोगियों के कल्याण की योजनाओं का लाभ दिलवाने का काम करेगा।

कृषि एवं सिंचाई विभाग द्वारा मच्छरों के प्रजनन पर रोक लगाने, सूचना विभाग द्वारा प्रचार-प्रसार और उद्यान विभाग द्वारा मच्छर रोधी पौधों के रोपण जैसी गतिविधियां प्रमुख तौर पर संचालित की जानी हैं।

इस मौके पर उप मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला सर्विलांस अधिकारी  सभी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी , जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी,  जिला मलेरिया अधिकारी,  सभी सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक, ब्लाक स्तरीय अधिकारी सहित विभागों के प्रतिनिधि, विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, पाथ, फैमिली हेल्थ इण्डिया, गोदरेज एम्बेड, टाटा ट्रस्ट एवं प्लान इन्डिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे ।