खुशी समय(डेस्क) - भारत युवाओं का देश है जिनमें हर पल कुछ नया करने का जज्बा है तो अपने सपनों को नई उड़ान देने की आकांक्षा। लेकिन युवा आकांक्षा को सही मार्गदर्शन मिले और बुजुर्गों के अनुभव का लाभ मिले, इस सोच के साथ केंद्र सरकार ने ‘बुजुर्गों की बात-देश के साथ’ नाम से एक अनोखे कार्यक्रम की शुरुआत की है।
इसका उद्देश्य बुजुर्गों और युवाओं के बीच संवाद को बढ़ाना है, ताकि युवाओं की ऊर्जा और बड़ों का अनुभव देश को आगे ले जाने में सहायक बने। यह आजादी के अमृत महोत्सव में बुजुर्गों को शामिल करने का यह एक शानदार तरीका है। यह एक ऐसा अनूठा कार्यक्रम है जिसमें देश की युवा पीढ़ी अपनी पुरानी पीढ़ी यानी 95 साल या उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों के साथ समय बिताएंगे और उनसे बातचीत करेंगे। इस बातचीत का 60 सेकेंड से कम का एक वीडियो www.rashtragaan.in पर जाकर डाल सकते हैं। भारतीय परंपरा की यह अमिट पहचान है कि युवा सदैव अपने बड़ों से सीखने के लिए तैयार रहते हैं। चाहे वह गुरु-शिष्य परंपरा हो, परिवार या काम में बड़ों की भूमिका हो, भारतीयों ने हमेशा अपने बड़ों से सीखा-समझा है। ऐसे में इस अनूठे प्रयास से अगले 25 साल में भारत को शक्तिशाली बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को एक नई दिशा मिलेगी।