मिशन शक्ति के तहत महिलाओं व बालिकाओं को किया गया जागरूक



  • महिलाओं व बालिकाओं का व्यक्तिगत क्षमता निर्माण
  • नकारात्मक बातों पर ध्यान न दें, सकारात्मक सोच से अपने सपनों को पूरा करें : मिनिस्ती एस.

लखनऊ - मिशन शक्ति अभियान तीसरे चरण के अंतर्गत चाइल्डलाइन लखनऊ “हम” द्वारा ग्राम मुजासा विकासखंड मलिहाबाद में  महिलाओं व बालिकाओं को क्षमता निर्माण व आत्मनिर्भरता के प्रति जागरुक किया गया । कार्यक्रम की मुख्य अतिथि आयुक्त वाणिज्य कर उ. प्र. मिनिस्ती एस. नय्यर रहीं ।  उन्होंने कहा कि अच्छा कार्य करने में अधिक बाधाएं आती हैं लेकिन समस्याओं से डरना नहीं है, नकारात्मक बातों पर ध्यान न दें , सकारात्मक सोच से अपने सपनों को पूरा करें । साथ ही उन्होंने अपने सपने को साकार करने में आयी चुनौतियों के बारे में बता कर,  सभी को आत्मनिर्भर बनकर देश का गौरव बढ़ाने की बात कही । चाइल्डलाइन निदेशक अंशुमालि शर्मा ने कहा  कि महिलाओं को रोजगार देने और आत्मनिर्भर बनने के लिए स्वयं सहायता समूह एक बेहतरीन माध्यम है । मलिहाबाद में जोश एकेडमी लखनऊ के मो. सैफ खान द्वारा बालक व बालिकाओं को बॉक्सिंग की ट्रेनिग दी जा रही हैं । ट्रेनिग प्राप्त कर रहीं बालिकाओं ने अतिथियों के सामने बॉक्सिंग का प्रदर्शन किया । बालिकाओं ने भी अपनी चुनौतियों के बारे में बताया कि किस तरह उन्हें घर, खेत  व पढाई के साथ बॉक्सिंग के लिये समय निकाल कर मेहनत करनी पड़ती है । डॉ. संगीता शर्मा ने कहा कि बाल विवाह जैसी कुरीतियों को दूर करने के लिए सामाजिक जागरूकता जरुरी है, इसके दुष्परिणामों के बारे में भी बताया साथ ही कम उम्र में विवाह के दुष्परिणाम वर- वधु दोनों को भुगतने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है कि यदि निकट भविष्य में कोई बाल विवाह होने वाला है तो उसे रोकने की दिशा में कदम उठाएं। संभावित वर-वधू के परिवार से बात कर बाल विवाह से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में बताएं । अभिभावकों को अवगत कराया जाना चाहिए कि बाल विवाह एक दंडनीय अपराध है ।

चाइल्डलाइन टीम सदस्य नवीन कुमार  ने सरकार द्वारा चल रही मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला, बेटी बचाओ बेटी पढाओ, कन्या विवाह अनुदान, गरीब व्यक्ति की पुत्रियों की शादी अनुदान, सुकन्या समृद्धि, वृद्धावस्था पेंशन आदि कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। चाइल्डलाइन लखनऊ द्वारा महिलाओं व बालिकाओं को सेनेटरी पैड भी वितरित किये गये,  काउंसलर वर्षा शर्मा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की कई बच्चियां माहवारी को एक बीमारी समझती हैं । कई परिवारों में इसे शर्म का विषय समझा जाता है । इस दौरान बच्चियों को साफ सफ़ाई न होने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है । इस परेशानी से निपटने के लिए ‘चुप्पी तोड़ो खुल कर बात करो’ की बात कही गई । कार्यक्रम में समाजसेविका मुद्रा सिंह व चाइल्डलाइन केंद्र समन्वयक कृष्ण शर्मा, काउंसलर तृप्ति गोस्वामी, ब्रिजेन्द्र शर्मा, ऋचा सिंह जोत्सना मिश्रा, अभय श्रीवास्तव, ललित,चाइल्डलाइन स्वयंसेवक शाश्वत शुक्ला  आदि लोग मौजूद रहे ।