- स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पीएसआई(PSI) संस्था के सहयोग से कार्यशाला आयोजित
- लखनऊ मंडल के सभी जिलों के परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी रहे उपस्थित
लखनऊ - शहरी क्षेत्रों में परिवार कल्याण कार्यक्रमों को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पॉपुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल (PSI) के सहयोग से शनिवार को स्थानीय एक होटल में कार्यशाला आयोजित हुई । कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू करने को लेकर कार्यशाला में विभिन्न योजनाओं पर विचार-विमर्श हुआ ।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लखनऊ मंडल के अपर निदेशक डा. (मेजर) जी. एस. बाजपेई ने कहा - शहरी क्षेत्र में परिवार कल्याण कार्यक्रमों की आवश्यकता ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा अधिक है । इसलिए हमें शहरी क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है । परिवार कल्याण कार्यक्रमों की नियमित निगरानी कर कार्यक्रम को सफल बनाया जा सकता है । आशा है कि आने वाले समय में हम इस दिशा में और बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकेंगे ।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मंडलीय प्रबंधक राजा राम ने कहा - शहरी क्षेत्र में परिवार नियोजन कार्यक्रमों को सुचारू रूप से चलाने के लिए जहां आशा कार्यकर्ता और एएनएम की नियुक्ति की गई है वहीं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता, रोगी कल्याण समिति और महिला आरोग्य समिति भी काम कर रही है । परिवार नियोजन साधनों की ग्राह्यता को बढ़ाने के उद्देश्य से आशा चौराहा मीटिंग जैसी पहल को अपनाया जा रहा है ।
पीएसआई के राज्य प्रतिनिधि विवेक द्विवेदी ने संस्था द्वारा परिवार कल्याण कार्यक्रमों को लेकर किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से बताया । उन्होंने बताया - जनपद लखनऊ में परिवार कल्याण कार्यक्रम को बेहतर ढंग से चलाने के लिए मुख्य नौ अत्यधिक प्रभावी बिंदुओं पर काम हो रहा है । नियत सेवा दिवस का आयोजन, आशा कार्यकर्ता को और अधिक सुदृढ़ करना, आंकड़ों पर आधारित निर्णय लेना आदि इसमें शामिल हैं । कार्यशाला में त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा और पुरुष नसबंदी को लेकर भ्रांतियों को दूर करने के तरीकों पर भी बात हुई । इस अवसर पर लखनऊ मंडल के लखनऊ सहित उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, लखीमपुर और हरदोई जिलों के परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी और अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे । इसके अलावा सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (CFAR), परिवार सेवा संस्थान, आई-पास, ममता, पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया, फेमिली प्लानिंग ऑफ इंडिया, उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई (UP TSU) के प्रतिनिधि और पीएसआई(PSI) की पूरी टीम उपस्थित रही ।