- सीफार के सहयोग से आकार फाउंडेशन के कलाकारों ने प्रस्तुत किया नाटक
- कैसरबाग बस स्टैंड पर नाटक देखने के बाद कुछ लोगों ने मांगकर खाई दवा
लखनऊ - जनपद की विभिन्न मलिन बस्तियों में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के तत्वावधान में आकार फाउंडेशन के कलाकारों द्वारा नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है | इसी क्रम में बृहस्पतिवार को कसाईबाड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और कैसरबाग बस स्टैन्ड पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया | कैसरबाग बस स्टैंड पर नुक्कड़ नाटक देखने के बाद हरदोई निवासी शिवम सिंह और सीतापुर के महमूदाबाद निवासी बिल्लू कश्यप ने फाइलेरिया की दवा स्वयं मांग कर खाई और कहा कि लोगों को भी इस दवा का सेवन करना चाहिए क्योंकि फाइलेरिया से बचाव में ही सही इलाज है | यह व्यक्ति को जीवन भर की दिव्यांगता से बचाती है |
मंगलवार को शीशमहल बस स्टैंड, रईसटोला मलिन बस्ती और बुधवार को कैसरबाग क्षेत्र की मलिन बस्ती रामपुर नहर का किनारा और शेरखान का हाता में नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया |
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. के.पी त्रिपाठी का कहना है - जनपद में 22 नवंबर से राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत सामूहिक दवा सेवन ( एमडीए) कार्यक्रम चल रहा है | इसके तहत घर-घर जाकर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम गर्भवती, दो साल की उम्र तक के बच्चों और गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों को छोड़कर सभी को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिला रही है |
नोडल अधिकारी ने बताया- स्वास्थ्य कार्यकर्ता फाइलेरिया से बचाव की दवा लोगों को अपने सामने ही खिला रहे हैं | सभी लोगों से अपील है कि वह स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का सहयोग करें और जब वह दवा खिलाने आयें तो दवा का सेवन उनके सामने करें न कि दवा घर पर रख लें और कहें कि बाद में खाएंगे |
फाइलेरिया से जान तो नहीं जाती है लेकिन अगर व्यक्ति एक बार पीड़ित हो गया तो वह ठीक नहीं हो सकता है | यह बीमारी व्यक्ति को जीवन भर के लिए अपंग बना देती है | इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है | इससे बचाव ही इसका इलाज है | लगातार पाँच साल तक साल में एक बार दवा का सेवन करने से इस बीमारी से बचा जा सकता है | इसके साथ ही फाइलेरिया पीड़ित व्यक्ति के इस दवा का सेवन करने से उसकी बीमारी बढ़ती नहीं है |