तटरक्षक बल के कोच्चि बेड़े में शामिल हुए दो एएलएच मार्क-III ध्रुव हेलीकॉप्टर



  • भुवनेश्वर, पोरबंदर, कोच्चि और चेन्नई में चार स्क्वाड्रनों में तैनात होंगे एएलएच मार्क-III
  • 'आत्मनिर्भर भारत' के अनुरूप स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किए हैं एचएएल ने

नई दिल्ली - भारतीय तटरक्षक बल के स्थापना दिवस पर दो एचएएल एएलएच मार्क-III ध्रुव हेलीकॉप्टर आईसीजी कोच्चि कमान के बेड़े में शामिल किये गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' दृष्टिकोण के अनुरूप तैयार किये गए ये अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किए हैं। इन एएलएच हेलीकॉप्टरों को भुवनेश्वर, पोरबंदर, कोच्चि और चेन्नई में चार तटरक्षक स्क्वाड्रनों में तैनात किया जाएगा। तटरक्षक बल को मिलने वाले 16 एएलएच में ये हेलीकॉप्टर 9वें और 10वें हैं।

मुंबई पर आतंकी हमला होने के 9 साल बाद मार्च, 2017 में हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ लगभग 5,126 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर करके एएलएच मार्क-III के 16 ध्रुव हेलीकॉप्टरों का ऑर्डर दिया गया था। इन हेलीकॉप्टरों का पहला बैच 05 फरवरी, 2021 को एचएएल ने तत्कालीन नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह को सौंपा था। इसमें 03 एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर मार्क-III वेरिएंट नौसेना के लिए और दो एएलएच इंडियन कोस्ट गार्ड के लिए थे। ये दो हेलीकॉप्टर 18 मार्च को कोस्ट गार्ड को सौंप दिए गए थे। इन्हीं दोनों हेलीकॉप्टरों को 12 जून को औपचारिक रूप से आईसीजी के बेड़े में शामिल किया गया। इसके बाद से अब तक एएलएच मार्क-III के 08 ध्रुव हेलीकॉप्टर इंडियन कोस्ट गार्ड में शामिल किये जा चुके हैं।

एचएएल के इंजीनियरों ने 'ध्रुव' एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर मार्क-III वेरिएंट में तटीय सुरक्षा के लिए 270 डिग्री कवरेज के साथ एक निगरानी रडार लगाया है, जो कई समुद्री लक्ष्यों का पता लगाकर उन्हें वर्गीकृत और ट्रैक कर सकता है। सिंथेटिक-एपर्चर रडार, उलटा सिंथेटिक-एपर्चर रडार और मूविंग टारगेट इंडिकेशन लगाया गया है, जिसमें वेदर मोड भी है। टोही नियंत्रण के लिए सह-पायलट की ओर बहु-स्पेक्ट्रल इलेक्ट्रो-ऑप्टिक भी लगाया गया है, जो लक्ष्य प्राप्ति और सीमा की खोज करता है। हाई-इंटेंसिटी सर्चलाइट, लाउरहाइलर, 12.7-एमएम केबिन माउंटेड मशीन गन, ट्रैफिक अलर्ट और टक्कर टालने की प्रणाली लगाई गई है।

एचएएल ने मार्क-III के हेलीकॉप्टरों को कोच्चि स्थित नौसेना की भौतिक और समुद्र विज्ञान प्रयोगशाला द्वारा विकसित एक स्वदेशी कम आवृत्ति के डंकन सोनार (एलएफडीएस) से लैस किया है। सोनार की इकाइयां भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) द्वारा उत्पादित की जा रही हैं। अब मार्क-थ्री वेरिएंट में एचएएल ने इंटीग्रेटेड आर्किटेक्चर डिस्प्ले सिस्टम (आईएडीएस) के साथ एक पूर्ण ग्लास कॉकपिट लगाया है। रोटरी विंग रिसर्च एंड डिज़ाइन सेंटर (आरडब्ल्यूआरडीसी) ने अधिक शक्तिशाली शक्ति इंजन 1एच1 इंजन के साथ एकीकृत किया है। यह हेलीकॉप्टर सरकार की 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देने के साथ ही सुरक्षित जीवन, सुरक्षित समुद्र तट और सुरक्षित समुद्र सुनिश्चित करने में आईसीजी की भूमिका को और महत्वपूर्ण बनाएंगे।

भारतीय तटरक्षक बल के 46वें स्थापना दिवस पर आयोजित एक समारोह में दो एचएएल एएलएच मार्क-III ध्रुव हेलीकॉप्टर आईसीजी के बेड़े में शामिल किये गए हैं। तटरक्षक बल को मिलने वाले 16 एएलएच में यह हेलीकॉप्टर 9वें और 10वें हैं। महज सात सतह प्लेटफार्मों से 1978 में अपनी यात्रा शुरू करने वाला आईसीजी आज 158 जहाजों और 70 विमानों के साथ एक दुर्जेय बल के रूप में विकसित हो चुका है। आईसीजी ने अपने बेड़े में 2025 तक 200 सतह प्लेटफार्मों और 80 विमानों को शामिल करने का लक्ष्य रखा है। तटरक्षक बल ने भारतीय तटों को सुरक्षित रखने और भारत के समुद्री क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय नियमों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।