नई दिल्ली - जनरल मनोज पांडे ने भारतीय सेना प्रमुख का पदभार ग्रहण करने के बाद कहा कि उनकी सर्वोच्च और सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता पूरे क्षेत्र में समकालीन और भविष्य की रक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए किसी भी परिस्थिति में हर प्रकार से तैयार रहना है। भारत, चीन और पाकिस्तान के साथ दो मोर्चों पर युद्ध जैसी स्थिति का सामना कर रहा है क्योंकि सीमा विवाद अनसुलझे हैं।
उन्होंने साउथ ब्लॉक के लॉन में गार्ड ऑफ ऑनर प्राप्त किया, जहां वायु सेना और नौसेना प्रमुख - एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी और एडमिरल आर. हरि कुमार - भी उपस्थित थे। इस दौरान जनरल पांडे ने कहा, मैं अन्य दो सेना प्रमुखों को अच्छी तरह से जानता हूं। यह तीनों सेनाओं के बीच तालमेल, सहयोग और संयुक्त कौशल की एक अच्छी शुरूआत है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम तीनों मिलकर काम करेंगे और राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा के लिए चीजों को आगे बढ़ाएंगे।
बता दें तीनों सेनाओं के प्रमुख राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के 61वें कोर्स से हैं। भारतीय सेना प्रमुख ने कहा, भू-राजनीतिक स्थिति तेजी से बदल रही है। हमारे सामने कई चुनौतियां हैं। क्षमता विकास और बल आधुनिकीकरण के बारे में बात करते हुए, जनरल पांडे ने यह भी कहा कि उनका प्रयास स्वदेशीकरण की प्रक्रिया के माध्यम से नई तकनीकों का लाभ उठाने का होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि उनका ध्यान चल रहे सुधारों, पुनर्गठन और परिवर्तन पर होगा ताकि सेना की परिचालन और कार्यात्मक दक्षता को बढ़ाया जा सके।
जनरल पांडे कोर्प्स ऑफ इंजीनियर्स से पहले अधिकारी बने हैं और कॉम्बेट सपोर्ट आर्म्स से बल का नेतृत्व करने वाले भी पहले अधिकारी हैं।